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मुजफ्फरपुर में ज‍िंदा को मृत घोषित करने के मामले में सीबीआइ ने विशेष कोर्ट में दाखिल किया जवाब

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में विशेष कोर्ट (एमपी/एमएलए मामले) ने सीबीआइ से पूछा था स्पष्टीकरण। गवाह बादामी देवी के जीवित रहते मृत घोषित का मामला। सीबीआइ की ओर से पेश नहीं किया जा सका अगला गवाह आठ जुलाई को होगी अगली सुनवाई।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 09:15 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 09:15 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में ज‍िंदा को मृत घोषित करने के मामले में सीबीआइ ने विशेष कोर्ट में दाखिल किया जवाब
कोर्ट में स्वजन व अधिवक्ताओं के साथ सुनवाई के लिए जातीं बादामी देवी। दाएं से दूसरी। (फाइल फोटो)

मुजफ्फरपुर, जासं। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में जीवित रहने के बाद भी गवाह बादामी देवी को मृत घोषित करने के मामले में स्पष्टीकरण का सीबीआइ की ओर से शुक्रवार को विशेष कोर्ट में उत्तर दाखिल किया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम पुनीत कुमार गर्ग के विशेष कोर्ट (एमपी/ एमएलए मामले) ने इस संबंध में सीबीआइ से स्पष्टीकरण पूछा था। विशेष कोर्ट में क्या उत्तर दाखिल किया गया यह पता नहीं चला है। विशेष कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि आठ जुलाई तय की है।

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यह है मामला 

तीन जून को सिवान के कसेरा टोली स्थित हाउस नंबर-91-ए निवासी बादामी देवी विशेष कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुई थीं। उसने एक अर्जी दाखिल की थी। इसमें आरोप लगाया था कि एक व्यक्ति के साथ मिलकर सीबीआइ ने साजिश के तहत उसे मृत घोषित किया। विशेष कोर्ट ने इसे गुमराह करने वाला व गंभीर मामला बताया और सीबीआइ को स्पष्टीकरण का उत्तर देने का आदेश दिया था।

पेश नहीं हुआ गवाह 

सीबीआइ की ओर से विशेष कोर्ट में अगला गवाह पेश नहीं किया गया। इससे पहले बीआरडी मेडिकल कालेज के डा.राकेश सक्सेना व सिवान जिला के पचरुखी निवासी गौरीशंकर बैठा को विशेष कोर्ट के समक्ष गवाही के लिए पेश होना था। उनके विरुद्ध बार-बार समन जारी होने के बाद वे गवाही के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं रहे थे। सीबीआइ की अर्जी पर विशेष कोर्ट ने दोनों के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया था। दोनों को यह वारंट तामिला कराया था। इसके बाद दोनों गवाह के कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर पांच-पांच हजार रुपये का निजी मुचलका पेश किया गया।

यह हुई थी घटना 

13 मई, 2016 को सिवान रेलवे स्टेशन के पास पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सीबीआइ सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपितों के विरुद्ध विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें एक आरोपित को कोर्ट ने किशोर घोषित कर उसके मामले को किशोर न्याय परिषद को सौंप दिया था। फिलहाल विशेष बाल न्यायालय में उसके विरुद्ध विचारण चल रहा है। तिहाड़ जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो चुकी है।


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