Navruna Case: मुजफ्फरपुर के चर्चित नवरूणा कांड में सीबीआइ को नहीं मिले साक्ष्य, जांच एजेंसी ने कोर्ट में दाखिल की फाइनल रिपोर्ट
Navruna Case नवरूणा मामले में जांच एजेंसी ने कोर्ट में दाखिल की फाइनल रिपोर्ट वैज्ञानिक जांच के बाद भी कोई ठोस साक्ष्य तक नहीं पहुंची टीम। मामले में चार दिसंबर को विशेष कोर्ट में सुनवाई के लिए निर्धारित की तिथि आठ वर्षों से अनसुलझी है चर्चित कांड की गुत्थी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। चर्चित नवरूणा कांड में सीबीआइ ने फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी है। डीएसपी अजय कुमार द्वारा दाखिल की गई 40 पेज की रिपोर्ट में जांच के 86 बिंदुओं को शामिल किया गया है। मामले में विशेष कोर्ट में सुनवाई के लिए चार दिसंबर की तिथि निर्धारित की गई है। हालांकि, इस रिपोर्ट में सीबीआइ की तरफ से जांच में सबूत नहीं मिलने की बात कही गई है। जबकि सीबीआइ की तरफ से वैज्ञानिक जांच का भी सहारा लिया गया था। बावजूद घटना के कारणों व हत्यारों को लेकर सीबीआइ की तरफ से साक्ष्य नहीं जुटाई जा सकी है।
यह है मामला
बता दें कि नगर थाना क्षेत्र के जवाहरलाल रोड इलाके से 18 सितंबर 2012 की रात में घर की खिड़की का रॉड तोड़कर अतुल्य चक्रवर्ती की पुत्री नवरूणा का अपहरण कर लिया गया था। मामले में नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जांच के दौरान 26 नवंबर 2012 को उसके घर के सामने नाले से एक शव बरामद किया गया था। पुलिस की विफलता के बाद केस की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। 14 फरवरी 2014 को सीबीआइ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई बार सीबीआइ को तलब किया। लेकिन अंतत: देश की शीर्ष जांच एजेंसी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। बता दें कि इस मामले में सीबीआइ की तरफ से नगर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद समेत दर्जनभर लोगों की लाई डिटेक्टर व ब्रेन मैपिंग से जांच कराई गई थी। इन सबके बाद भी कोई साक्ष्य नहीं मिला। लगभग आठ वर्षों से इस मामले की गुत्थी अनसुलझी है।