गार्बेज टिपर घोटाला : कोर्ट में नहीं पेश की गई केस डायरी, मेयर की अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई टली
मेयर की अग्रिम जमानत की अर्जी पर विशेष न्यायालय (निगरानी) ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से मांगी थी केस डायरी। 04 फरवरी को अब अग्रिम जमानत की अर्जी पर होगी अगली सुनवाई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नगर निगम के गार्बेज टिपर खरीद घोटाला में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने विशेष (न्यायालय) निगरानी में केस डायरी पेश नहीं की। इसलिए नगर निगम के आरोपित मेयर सुरेश कुमार की अग्रिम जमानत की अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब इसकी सुनवाई चार फरवरी को होगी।
विशेष न्यायालय ने मांगी थी केस डायरी
मेयर सुरेश कुमार की ओर दाखिल अग्रिम जमानत की अर्जी पर पिछली सुनवाई के दौरान विशेष न्यायालय (निगरानी) ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से केस डायरी मांगी थी। इस अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई की तारीख मुकर्रर थी, लेकिन ब्यूरो ने केस डायरी विशेष कोर्ट में पेश नहीं की।
यह है मामला
वर्ष 2017 में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने शहर की सफाई के लिए 50 गार्बेज टिपर खरीदने का प्रस्ताव पारित किया था। इस आलोक में निगम की ओर से पिछले साल नौ सितंबर को निविदा आमंत्रित की गई। जिसमें तीन फर्मों ने भाग लिया। इसमें माड़ीपुर के तिरहुत ऑटोमोबाइल, कुरुक्षेत्र हरियाणा के न्यू भारत इंजीनियरिंग सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड व पाटलिपुत्रा पटना के मे.मौर्या मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल था।
निविदा में सबसे कम मूल्य दर्शाने वाले फर्म को दरकिनार कर मौर्या मोटर्स को आपूर्ति का आदेश दिया गया। इसी के खिलाफ तिरहुत ऑटो मोबाइल के प्रोपराइटर की ओर से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत की गई थी। जांच के बाद ब्यूरो ने प्रथम दृष्टया मामला सत्य पाने के बाद मेयर, तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश रंजन प्रसाद, तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त सह अपर समाहर्ता डॉ. रंगनाथ चौधरी सहित दस आरोपितों के खिलाफ निगरानी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।