बेतिया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर मुकदमा, ब्राह्मण समाज को गाली देने का आरोप
West Champaran ब्राह्मण समाज को गाली गलौज कर अपमानित करने का मामला मुकदमे में स्पष्ट किया गया है कि परिवादी ब्राह्मण हैं। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान को लेकर चारों तरफ विवाद हो रहा है।
बेतिया (पचं), जासं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर गाली गलौज कर ब्राह्मण समाज को अपमानित करने का एक मुकदमा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री प्रकाश के न्यायालय में दायर कराया गया है। सोमवार को दायर मुकदमा में लौरिया थाने के रमौली निवासी विवेक पाण्डेय ने जीतन राम मांझी को नामजद अभियुक्त बनाया है। परिवादी श्री पाण्डेय ने सभी दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को मुकदमे का आधार बनाया है। साक्ष्य के रूप में श्री पाण्डेय ने अभियुक्त का वीडियो क्लिपिंग भी न्यायालय में प्रस्तुत किया है।
मुकदमे में आरोप लगाया गया है 19 दिसंबर की शाम सात बजे विभिन्न टीवी चैनलों एवं व्हाट््सएप, फेसबुक आदि के माध्यम से विवेक पांडेय ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को ब्राह्मण को गाली गलौज करते हुए देखा और सुना। इससे उसे दुख हुआ। मुकदमे में स्पष्ट किया गया है कि परिवादी ब्राह्मण हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा हरामी जैसे शब्द बोलकर गाली देने से वह अपमानित हुआ है और काफी क्षुब्ध है। इससे वह अपने आप को अपमानित महसूस कर रहा है। परिवादी के अधिवक्ता मुराद अली तथा प्रेम प्रकाश तिवारी ने बताया कि मामले की सुनवाई करने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने लगाए गए आरोपों की जांच के लिए परिवाद को न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार के न्यायालय में भेज दिया है।
ब्राह्मण समाज का अपमान बर्दाश्त नहीं : अनिकेत रंजन
मोतिहारी। बिहार नवयुवक सेना एवं युवा ब्राह्मण संघ एवं शहर के तमाम वर्ग के युवाओं के नेतृत्व में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का कचहरी चौक पर पुतला दहन किया गया। कार्यक्रम के मौके पर युवा नेता अनिकेत रंजन ने कहा कि इतने बड़े पद पर रहते हुए भी किसी व्यक्ति का इस तरह का अभद्र भाषा का प्रयोग करना निश्चित रूप से दुखद है और इसे ब्राह्मण समाज कभी माफ नहीं करेगा। इस प्रकार के मानसिकता वाले नेता को पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए। युवा ब्राह्मण संघ के अध्यक्ष अभय मिश्रा ने कहा कि ब्राह्मण समाज पर इस तरह का अभद्र टिप्पणी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिसका विरोध हर हाल में होगा, ताकि आने वाले समय में कोई भी ब्राह्मण समाज पर किसी प्रकार की टिप्पणी ना कर सके।