नैड रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर परीक्षा से हो सकते वंचित
अब स्नातक में नामांकन के समय ही सभी विद्यार्थियों को नैड (नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी) रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
मुजफ्फरपुर। अब स्नातक में नामांकन के समय ही सभी विद्यार्थियों को नैड (नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी) रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ से वंचित किया जा सकता है। साथ ही परीक्षा फॉर्म भरने में भी उन्हें परेशानी हो सकती है। क्योंकि, विवि और कॉलेजों में इसबार से परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भरने को लेकर तैयारी हो रही है। इस फॉर्म में नैड रजिस्ट्रेशन नंबर का कॉलम अनिवार्य होगा। जिसे भरे बिना विद्यार्थी ऑनलाइन फॉर्म नहीं भर सकेंगे। वहीं यूजीसी ने इस संबंध में विवि को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉरमेशन एंड टेक्नोलॉजी की ओर से 2017 में नैड की शुरुआत हुई थी। इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद विद्यार्थियों को कई फायदे होंगे। परीक्षा के बाद विद्यार्थियों के सभी मूल प्रमाणपत्र इसी पोर्टल पर अपलोड कर दिए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को कॉलेज और विवि का चक्कर नहीं लगाना होगा। साथ ही कहीं भी मूल प्रमाणपत्र लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थी आइडी और पासवर्ड की मदद से कहीं भी अपना प्रमाणपत्र देख सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों से कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। एक बार रजिस्ट्रेशन करने के बाद छात्र-छात्राएं आसानी से इस पोर्टल पर अपना प्रमाणपत्र देख सकते हैं। इसके अलावा विवि और कॉलेजों की ओर से जिन विद्यार्थियों को एकेडमिक अवार्ड मिलेगा उन्हें भी इसपर अपलोड कर दिया जाएगा। बता दें कि विवि में नैड लागू होने के बाद भी पिछले सत्र में काफी विद्यार्थियों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया।
विवि में बनेगा सेल, यूजीसी ने रिपोर्ट भेजने को कहा : भेजे गए पत्र में यूजीसी की ओर से कहा गया है कि नैड रजिस्ट्रेशन का सख्ती से पालन हो इसको लेकर विवि में एक कमेटी का गठन करना है। साथ ही एक नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति कर इसका रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।