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Coronvirus effect : संक्रमण के बाद लॉकडाउन के कारण कारोबार बना बोझ, टैक्स के लोड से हांफ रहे व्यवसायी

Coronvirus effect पर्यटन से जुड़े कारोबार पर कोरोना ने लगाया ग्रहण ट्रैवल कंपनी होटल रेस्टोरेंट और पर्यटक स्थलों का कारोबार ठप। रोजाना 400 करोड़ का कारोबार हो रहा प्रभावित।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 01:55 PM (IST)
Coronvirus effect : संक्रमण के बाद लॉकडाउन के कारण कारोबार बना बोझ, टैक्स के लोड से हांफ रहे व्यवसायी
Coronvirus effect : संक्रमण के बाद लॉकडाउन के कारण कारोबार बना बोझ, टैक्स के लोड से हांफ रहे व्यवसायी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Coronvirus effect : कोरोना से उत्पन्न तबाही ने पर्यटन और ट्रैवल से जुड़े कारोबार पर ब्रेक लगा दिया है। हालत यह है कि पर्यटन से जुड़े होटल और ट्रैवल का कारोबार अब बोझ बन गया है। कोरोना के चलते कारोबार पूरी तरह बंद है। लेकिन सरकार को टैक्स अदा करना पड़ रहा है।

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ट्रैवल कंपनी के कारोबार का पहिया थमा

कोरोना संक्रमण के मौजूदा दौर में जिले में ट्रैवल के कारोबार पर ब्रेक लग गया है। रोजाना 100 करोड़ का कारोबार करने वाली ट्रैवल कंपनी और एजेंसी के रफ्तार का पहिया पूरी तरह थम गया है। लिहाजा 300 से अधिक संचालक और इससे जुड़े 30 हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं। मालिकों के लिए वाहन सफेद हाथी साबित होने लगा है। सड़क पर वाहन भले ही नहीं चल रहे हैं, लेकिन रोड टैक्स, परमिट टैक्स, बीमा का प्रीमियम, बैंक ऋण की किस्त, चालक, संवाहक समेत अन्य कर्मियों के वेतन का भुगतान करना पड़ रहा है। ट्रैवल कंपनी और एजेंसी के कार्यालय में ताला लटका है। लेकिन मकान का भाड़ा, बिजली बिल और जीएसटी का भुगतान करना पड़ रहा है। ट्रैवल कंपनी हैप्पी जनीं के अमित कुमार कहते हैं कि कोरोना के चलते ट्रैवल का कारोबार ठप है। शादी-विवाह और सावन खाली गया है। अब तक 10 अरब से अधिक का कारोबार प्रभावित हो चुका है। जबकि टैक्स और वेतन मद में हर माह सरकार को 300 करोड़ का राजस्व चुकाना पड़ रहा है।

पर्यटन कारोबार का बेड़ा गर्क

पर्यटन कारोबार में ट्रैवल के अलावा होटल व रेस्टोरेंट महत्वपूर्ण है। पूर्व में हर माह सैलानी शहर और आसपास के इलाकों में आते रहे हैं। कोरोना की धमक के बाद से सैलानियों का आना बंद है। इसका असर ट्रैवङ्क्षलग के कारोबार के अलावा होटल, रेस्टोरेंट, हस्तकरघा, पेंङ्क्षटग, मूर्तिकला, मधुबनी पेंटिंग, फूल और स्थानीय व्यंजन के कारोबार पर पड़ा है। एक अनुमान के तहत जिले में पर्यटन आधारित रोजाना का कारोबार सीजन में 300 करोड़ तक का रहा है। जबकि, ऑफ सीजन में 100 करोड़ का। इसमें होटल रेस्टोरेंट की भागीदारी 40 फीसद की रही है। वहीं मंदिर, पौराणिक स्थल व स्थानीय कला आदि की भागीदारी 30 फीसद रही है।

जिले में 16 पर्यटक स्थल

जिले में प्रसिद्ध गरीब स्थान व बौद्ध स्तूप समेत 16 पर्यटक स्थल हैं। 23 नए स्थलों को भी पर्यटन स्थल में विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है। लेकिन कोरोना के चलते तमाम गतिविधियां बंद हैं। अनलॉक वन में कुछ समय के लिए होटल रेस्टोरेंट खुले भी, लेकिन रौनक की वापसी नहीं हो सकी। लगन और सावन भी खाली गया। गर्मी की छुट्टी का लुत्फ उठाने भी सैलानी नहीं आए। होटल कारोबार से जुड़े अजीत ङ्क्षसह बताते हैं कि कोरोना के चलते पर्यटन आधारित कारोबार पूरी तरह ठप है। हम सरकार को विभिन्न प्रकार के कर, बिजली शुल्क, जीएसटी, सेवा शुल्क आयकर व बिक्री कर अदा कर रहे हैं। हर माह सरकार को 300 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो रहा है। कर भुगतान करना कारोबारियों की मजबूरी है। कर्मियों को भी भुगतान कर रहे हैं। अभी उम्मीद बरकरार है। जबतक उम्मीद है तब तक कोरोना से उत्पन्न स्थिति से लड़ रहे हैं।


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