पूर्वी चंपारण से बिना परमिट राष्ट्रीय राजधानी तक की दौड़ लगा रही बसें, बसों की बनावट भी मानक के अनुरूप नहीं
West Champaran News पूर्वी चंपारण में विभिन्न जगहों से दिल्ली के लिए खुलने वाली बसों का न परमिट न वैध कागजात है। बताते हैं कि जिले के अलग-अलग जगहों से प्रतिदिन कम से कम एक दर्जन बसें हैं जो सवारी लेकर दिल्ली के लिए कूच करती हैं।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। न परमिट न वैध कागजात लेकिन दौड़ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक की। कुछ यही हाल है जिले के विभिन्न जगहों से दिल्ली के लिए खुलने वाली बसों की। सूत्र बताते हैं कि यहां से दिल्ली के लिए खुलने वाली अधिकांश बसों का परमिट नहीं है। ऐसी बसें टूरिस्ट परमिट पर सवारी लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगा आती हैं। बताते हैं कि जिले के अलग-अलग जगहों से प्रतिदिन कम से कम एक दर्जन बसें हैं जो सवारी लेकर दिल्ली के लिए कूच करती हैं। तमाम सरकारी मापदंडों को ठेंगा दिखाती ये बसें बड़े आराम से दिल्ली तक की सफर तय कर आती हैं। ऐसे में जिला परिवहन विभाग पर भी लोगबाग सवाल उठाने लगे हैं।
बसों की बनावट नहीं मानक के अनुरूप
बताते हैं कि दिल्ली जानेवाली अधिकांश बसों की बनावट सरकारी मानक के अनुरूप नहीं है। वहीं अधिकतर बसों में टायलेट की सुविधा भी नदारद है, जिससे उसमें यात्रा करनेवाले यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पडता है। वहीं बसों की बनावट मानक के अनुरूप रहने से हर समय हादसे का अंदेशा बना रहता है।
यहां से हो रहा बसों का संचालन
मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय के छतौनी, घोडासहन, ढाका, अरेराज, छौडादानों, रक्सौल सहित कई जगहों से रोज हीं दिल्ली जाने वाली बसें खुलती हैं। हद तो यह है कि परमिट नहीं होने के बावजूद भी इन बसों के ऑपरेटर्स खुलेआम बोर्ड लगाकर टिकट की बिक्री करते हैं। अधिकतर बसों में क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाने की बात भी कही जाती है।
इस बारे में पूर्वी चंपारण के जिला परिवहन पदाधिकारी अनुराग कौशल सिंह ने कहा कि समय - समय पर अभियान चलाकर ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। आगे भी इनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।