समस्तीपुर के वारिसनगर का रहने वाला था ब्रजेश ठाकुर का मामा, तिहाड़ जेल में तोड़ा दम
Muzaffarpur Shelter Home Case मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में काट रहे थे आजीवन कारावास की सजा । परिजनों ने पुलिसिया व्यवस्था पर उठाया सवाल । मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर का रोहुआ गांव में है ननिहाल ।
समस्तीपुर, जेएनएन। Muzaffarpur Shelter Home Case: बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कैदी रामानुज ठाकुर की मौत हाे गई। मृत कैदी वारिसनगर के रोहुआ प्रखंड का रहने वाला था। कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर का वह रिश्ते में चचेरा मामा लगता था। उसकी मौत से परिवार के लोग शोकाकुल हैं।
बताते चलें कि वारिसनगर प्रखंड के रोहुआ पश्चिमी पंचायत के वार्ड संख्या 8 निवासी रामानुज ठाकुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के रिश्ते मे चचेरे मामा लगते थे। वह मुजफ्फरपुर मे हीं रहकर ब्रजेश ठाकुर की बालिका गृह में द्वारपाल के रुप में काम करते थे। वर्ष 2018 में जब बालिका गृह की बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया तो वे अपने घर चले आए थे। परंतु सीबीआई को जब इस कांड में रामानुज की भूमिका संदेहास्पद नजर आई तो 23 अक्तूबर 2018 को रोहुआ से गिरफ्तार कर के ले गई थी।
शुरूआत में उन्हें शहीद खुदीराम बोस केन्द्रीय कारा मुजफ्फरपुर में रखा गया। फिर 23 फरवरी 2019 को तिहाड़ जेल भेज दिया गया। इस कांड में 11 फरवरी 2020 को दिल्ली के साकेत कोर्ट ने उनको आजीवन कारावास के साथ 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। तिहाड़ जेल में वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जेल में हीं उनकी मौत 3 दिसंबर को हो गई। उनकी मौत की सूचना के बाद उनका पुत्र संतोष कुमार ठाकुर कुुछ ग्रामीणों के साथ दिल्ली गए हैं।
जहां पोस्टमार्टम के बाद जेल प्रशासन ने 8 दिसंबर को शव उनके हवाले किया तो दिल्ली मे हीं उनकी अंत्येष्टि कर दी गई। घर पर मौजूद उनकी पत्नी सीता देवी काफी व्यथित होकर सीबीआई के द्वारा उनके पति को द्वारपाल रहने के बावजूद नाहक में कांड में संलिप्तता बताकर न्यायालय में प्रस्तुत कर फंसाने का आरोप लगाई है। साथ हीं ऊपर वाले को भी कोसते हुए बताया कि 20 जनवरी 2016 को पहले उनके छोटे पुत्र विवेक कुमार की मौत माधोपुर गुमटी के समीप ट्रेन से कटकर हो गई थी। फिर पति जो जेल गए, वह भी अब भगवान को प्यारे हो गए। अब उनके घर में मात्र एक पुत्र संतोष कुमार ठाकुर, बहु नीशा देवी तथा पोता लव कुमार (3 वर्ष) बच गया है। पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है।