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बीआरएबीयू ने नई तकनीक की ओर बढ़ाया कदम, कहां दबी फाइल, बताएगा आरएफआईडी टैग युक्त डिवाइस

नई टेक्नोलॉजी से फाइलों की ट्रैकिंग करने वाला सूबे का पहला विवि बना बीआरए बिहार विश्वविद्यालय। फाइल दफ्तर से बाहर ले जाने पर डिवाइस से आएगी बीप की आवाज।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 10:35 PM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 07:33 AM (IST)
बीआरएबीयू ने नई तकनीक की ओर बढ़ाया कदम, कहां दबी फाइल, बताएगा आरएफआईडी टैग युक्त डिवाइस
बीआरएबीयू ने नई तकनीक की ओर बढ़ाया कदम, कहां दबी फाइल, बताएगा आरएफआईडी टैग युक्त डिवाइस

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। डिजिटल इंडिया के दौर में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने नई तकनीक की ओर कदम बढ़ाया है। फाइलों को ट्रेस करने के लिए ट्रैकिंग डिवाइस का सहारा लिया जाएगा। रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) यह पता लगाने में सक्षम होगी कि फाइलें कहां दबाकर रखी गई हैं।

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 इसके लगने के बाद कोई कर्मचारी किसी भी टेबल पर तीन दिन से अधिक फाइल दबाकर न तो रख सकेगा, न ही निश्चित एरिया से बाहर ले जा सकेगा। इस प्रकार कोई फाइल गुम नहीं होगी। कोई अर्जेंट फाइल अधिक दिन रोककर रखने पर एडमिनिस्ट्रेटर को सूचना मिल जाएगी।

आरएफआइडी टैग युक्त पांच हजार फाइलें आईं

दिल्ली की एक कंपनी के एक्सपर्ट शुक्रवार को विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां इसका डेमो दिखाया। डेमोस्ट्रेशन सेशन में वीसी, प्रोवीसी, रजिस्ट्रार, कंट्रोलर, वरिष्ठ पदाधिकारी व तमाम सेक्शन इंचार्ज मौजूद थे। विकास पदाधिकारी डॉ. आशुतोष सिंह ने बताया कि सभी फाइलों पर खास टैग लगा होगा, जो रेडियो फ्रिक्वेंसी की तरह काम करेगा। फिलहाल आरएफआइडी टैग युक्त पांच हजार फाइलें मंगवाई हैं। नॉर्मल फाइलें नहीं चलेंगी। जितने सेक्शन हैं, उतने रीडर लगेंगे। एक सिस्टम 30-35 हजार रुपये का है। बिहार में ऐसा पहला प्रयोग इसी विश्वविद्यालय से हुआ है।

बाबुओं की मनमानी पर लगेगा अंकुश

फाइलों को दबाकर रखने में बाबुओं की मनमानी अब नहीं चलेगी। लोकेशन बेस्ड इस डिवाइस के लगने के बाद उस फाइल का पता लगाना आसान होगा।

ऐसे काम करेगा यह सिस्टम

विकास अधिकारी ने बताया कि फाइबर का मैटेरियल होगा और उसके अंदर कहीं टैग छुपा होगा, जो दिखेगा नहीं। फाइल रीड करने के लिए आरएफआइडी रीडर होगा। वो एक मशीन होगी। फाइल कहीं भी रखी होगी, मशीन रीड कर लेगी। मान लीजिए हमने कोई फाइल देखनी शुरू की। उस सिस्टम में हम फाइल में सारा डाटा फीड कर देंगे, जिससे पता चल सके कि वह किस सेक्शन और किस काम से संबंधित है।

 जैसे बारकोड स्कैन किया और सारी सूचना सिस्टम पर आ जाती है, ठीक वैसे ही यह काम करेगा। उसको जैसे ही कंप्यूटर सिस्टम पर लगाएंगे, विंडो खुलकर आ जाएगा कि उसमें कौन-कौन सी सूचना वांछित है। एक बार सूचना फीड करने के बाद फाइल जहां जाएगी, मशीन रीड कर लेगी। एडमिन को फाइल का मूवमेंट दिखता रहेगा। हर सेक्शन में एक-एक रीडर लगेगा। कोई बड़ा सेक्शन है, जिसमें पांच हजार फाइलें रखी हैं।

 किसी एक आरएफआइडी टैग लगी फाइल को डिटेक्ट करने के लिए डिटेक्टर मशीन भी लगी होगी। जैसे ही उसको ऑन करके उस कमरे में लेकर घूमेंगे, तुरंत बीप की आवाज आ जाएगी। इससे पता चल जाएगा कि उक्त फाइल कहां है। हीडन कैमरा भी लगा होगा, जिससे फाइल बिल्डिंग से बाहर लेकर जाने पर पता चल जाएगा। अनुमति से फाइल नहीं जाएगी तो बीप की आवाज आने लगेगी।


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