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BRABU,Muzaffarpur: ससमय परिणाम जारी नहीं होने से छात्रों में आक्रोश

छात्राें ने कहा तीन वर्ष से पीजी में ही हैं इस कारण परिवार के सदस्यों से भी सुनने को मिल रहा है। आगे करियर अंधकारमय दिखने लगा है। यदि दो दिनों के भीतर परिणाम नहीं आता तो अब आरपार की लड़ाई होगी। विवि में ताला जड़ेंगे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 11:10 AM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 11:10 AM (IST)
BRABU,Muzaffarpur: ससमय परिणाम जारी नहीं होने से छात्रों में आक्रोश
अधिकतम तीन वर्ष में पूरा करना है पीजी पाठ्यक्रम।

मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से पीजी तृतीय सेमेस्टर का परिणाम परीक्षा के आठ महीने बाद भी जारी नहीं होने से नाराज एक छात्र ने विवि परिसर में आत्मदाह का प्रयास किया। संयोग था कि विवि परिसर में ही विद्यार्थी परिषद का धरना चल रहा था। अभाविप के विवि संयोजक केशरीनंदन शर्मा व अन्य कार्यकर्ता थे। सबने छात्र को समझाकर रोका। छात्र ने कहा कि तीन वर्ष बीत गए और अबतक तृतीय सेमेस्टर का परिणाम भी नहीं आया। तीन वर्ष से पीजी में ही हैं इस कारण परिवार के सदस्यों से भी सुनने को मिल रहा है। आगे करियर अंधकारमय दिखने लगा है। इससे नाराज होकर आत्मदाह का प्रयास किया। यदि दो दिनों के भीतर परिणाम नहीं आता तो अब आरपार की लड़ाई होगी। विवि में ताला जड़ेंगे और कुलपति आवास पर प्रदर्शन होगा। 

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पुराने पैटर्न पर हो गया मूल्यांकन, इस कारण हो रहा विलंब

विवि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीजी तृतीय सेमेस्टर का परिणाम नए पैटर्न के अनुसार जारी करना है। ऐसे में कापियों की जांच में 45 प्रतिशत नंबर आने पर ही विद्यार्थियों को पास घोषित करना है। 70 में से 32 अंक आने पर ही विद्यार्थी पास होंगे। पहले 40 प्रतिशत अंक पर ही पास करना था। द्वितीय सत्र के परिणाम में विवि की ओर से यही गड़बड़ी हुई थी। चर्चा है कि इसी पैटर्न पर तृतीय सत्र का भी मूल्यांकन कर दिया गया। इस कारण सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थियों का परिणाम प्रमोटेड हो जाएगा। ऐसे में हंगामा की आशंका को देखते हुए विवि की ओर से इसे ठीक किया जा रहा है। इस कारण विलंब हो रहा है।

तीन वर्ष में पूरा करना है पीजी पाठ्यक्रम

पीजी कोर्स दो वर्ष का है। नामांकन के बाद यदि पहले या दूसरे सेमेस्टर में कोई विद्यार्थी प्रमोटेड हो जाते हैं तो तृतीय सेमेस्टर से पूर्व उसे पास कर लेना है। ऐसे में उन्हें अधिकतम एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया जाता है। विवि की ओर से सत्र 2018-20 में जिन विद्यार्थियों ने नामांकन लिया था अबतक वे तृतीय सेमेस्टर का परिणाम के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। ऐसे में अगले महीने तक यदि परीक्षा नहीं होती है तो उनके तीन वर्षों की मेहनत बेकार हो जाएगी। इसी को लेकर विद्यार्थी आक्रोशित हो रहे हैं। विवि के जानकारों का कहना है कि यह सिर्फ प्रमोटेड की स्थिति में लागू होता है। विवि का सत्र विलंब से चल रहा है। ऐसे में छात्रों की डिग्री विलंब होने पर भी मान्य होगी।  


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