बीआरए बिहार विश्वविद्यालय बना अखाड़ा, कंट्रोलर के चैंबर में तालाबंदी तो रजिस्ट्रार चैंबर में हंगामा
ट्यूशन पढ़ाते कंट्रोलर, आक्रोशितों ने बंद कर दिया चैंबर। कंट्रोलर के चैंबर में अभाविप के कार्यकर्ताओं ने जड़ा ताला, व्यवस्था में सुधार का अल्टीमेटम।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आए दिन बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में हंगामे और प्रदर्शनों के चलते शैक्षणिक माहौल चौपट नजर आ रहा है। मंगलवार को लगातार दूसरे दिन छात्रों के इन्कलाब-जिंदाबाद और भ्रष्ट अधिकारी वापस जाओ के नारे से कैंपस गूंजता रहा। वक्त पर दफ्तर नहीं पहुंचने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के कार्यकर्ताओं ने खोजखबर ली। सभी सेक्शनों में घूमकर जायजा लिया। कर्मचारियों के साथ जवाबदेह अधिकारी भी गायब मिले। परीक्षा नियंत्रक को चैंबर में नहीं पाकर ताले जड़ दिए और दरवाजे पर अभाविप का बैनर टांग दिया। ये छात्र अपने साथ झोला भरकर ताला-चाबी लेकर आए थे। वक्त की पाबंदी व विद्यार्थियों की समस्या पर फौरी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे। विवि छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू व अभाविप के संगठन मंत्री पुरुषोत्तम कुमार खुद इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। मौके पर प्रभात कुमार मिश्रा, सुधांशु कुमार राय, नितेश कुमार, प्रशांत गौतम, अभिषेक कुमार, पंकज सिंह, विकास कुमार, अनिकेत कुमार आदि मौजूद थे।
रजिस्ट्रार से उलझे छात्र नेता, हुई कहासुनी
विश्वविद्यालय की नाकामी के लिए रजिस्ट्रार अजय कुमार राय से उनके चैंबर में तल्ख लहजे में छात्रों से खूब कहासुनी हुई। मौके की नजाकत को भांप रजिस्ट्रार ने उनकी बाते सुनींं और फौरी कार्रवाई का आश्वासन दिया। छात्रों का हुजूम देखकर रजिस्ट्रार ने नाराजगी जाहिर की तो छात्र भी तैस में आ गए। उग्र छात्र उनकी टेबल पर हाथ पटककर बात करने लगे। दोनों तरफ से तल्खी बढ़ी तो तनातनी की स्थिति बन गई थी। छात्र कहने लगे रजिस्ट्रार साहब ये विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं का है, उनका काम नहीं होता है तभी कोई यहां चक्कर लगाता है। छात्रों को अपनी बात कहने से रोककर मिलिट्री रूल लागू करने की कोशिश नहीं करिए वरना आंदोलन और उग्र हो जाएगा। उनके तेवर देख रजिस्ट्रार ने आखिरकार उनकी बातें सुनीं।
परीक्षा नियंत्रक के रवैये से अधिक नाराजगी
विवि अध्यक्ष ने कहा कि छात्रों की नाराजगी परीक्षा नियंत्रक डॉ.ओपी रमण के रवैये को लेकर सर्वाधिक थी। हम सबने रजिस्ट्रार को बताया कि कंट्रोलर अपने आवास पर गणित का ट्यूशन पढ़ाने में व्यस्त रहते हैं। कंट्रोलर की आड़ में ट्यूशन का कारोबार चमका रहे हैं और उसके चक्कर में रोज विलंब से दफ्तर आते हैं। छात्रसंघ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में डीएसपी नगर गिरफ्तार करने का मंतव्य तक दे चुके हैं फिर पद से उन्हें क्यों नहीं हटाया जा रहा। छात्र यहीं पर रुके नहीं। यह भी कह दिया कि रजिस्ट्रार साहब आपके कर्मचारी-पदाधिकारी सब निरंकुश हो गए हैं, आपका उनपर कंट्रोल नहीं है।