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BRA Bihar University: 2.40 करोड़ की अनियमितता का मामला उठाने वाले निदेशक को पद से हटाया

BRA Bihar University दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के प्रशासनिक पदाधिकारी से निदेशक ने दो बार मांगा था स्पष्टीकरण कुलपति से की थी निलंबन की अनुशंसा। प्रशासनिक पदाधिकारी पर कार्रवाई से पूर्व ही निदेशक की नियुक्ति के पत्र को लिया वापस गलियारे में दिनभर होती रही चर्चा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 09:10 AM (IST)
BRA Bihar University: 2.40 करोड़ की अनियमितता का मामला उठाने वाले निदेशक को पद से हटाया
उन्होंने प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार के खिलाफ कुलपति से शिकायत की थी। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में 2.40 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला उठाने वाले निदेशक डा.ओम प्रकाश राय को पद से हटा दिया गया है। 16 नवंबर 2021 को कुलपति के आदेश पर दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का निदेशक बनाए जाने के बाद उन्होंने प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार के खिलाफ वित्तीय अनियमितता और अनुशासनहीनता की शिकायत कुलपति से की थी। उन्होंने दो बार कुलपति को पत्र भेजकर मामले की जांच कराने के साथ ललन कुमार को निलंबित करने की अनुशंसा की थी। ललन कुमार से भी दो बार जबाव भी मांगा था। निदेशक के पत्र पर प्रशासनिक पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई तो नहीं हुई, लेकिन उन्हें पद से हटा दिया गया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा.आरके ठाकुर ने पत्र जारी कर निदेशक की नियुक्ति के पत्र को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। यह पत्र जारी होने के बाद शुक्रवार को विश्वविद्यालय में दिनभर चर्चा होती रही कि निदेशक को पद से हटा दिया गया। कुलसचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि तीन जून को गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निदेशक डा.ओम प्रकाश राय से अतिरिक्त पदभार वापस लिया गया है। 

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निदेशक ने लगाया था वित्तीय अनियमितता का आरोप

दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक डा.ओम प्रकाश राय ने 31 मई को कुलपति को पत्र भेजकर कहा था कि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार ने बिना उन्हें जानकारी दिए 2.40 करोड़ रुपये का भुगतान करा लिया है। इसमें से 56 लाख 24 हजार रुपये ललन कुमार ने स्वयं अपने नाम पर भुगतान करवाया है। वहीं ललन कुमार ने नियुक्ति के समय जिस इंटरनेशनल इंस्टीट््यूट आफ कंप्यूटर साइंस में निदेशक के पद का अनुभव दिखाया, उसी संस्थान को पाठ्य सामग्री आवंटित करने का जिम्मा दे दिया। इस संस्थान के नाम पर 48 लाख 82 हजार रुपये का भुगतान किया गया। इंटरनेशनल बुक ट्रेडर्स को 76 लाख और विकास पब्लिङ्क्षसग हाउस के नाम पर 58 लाख रुपये का भुगतान करा लिया। नियम के अनुसार निदेशक को भुगतान संबंधी जानकारी होनी चाहिए, लेकिन उन्हें जानकारी नहीं दी गई। जब निदेशक ने खाता की जानकारी ली और भुगतान के संबंध में दो बार पत्र भेजकर स्पष्टीकरण पूछा। इसपर प्रशासनिक पदाधिकारी ने कोई उत्तर नहीं दिया। इसपर निदेशक ने ललन कुमार को निलंबित करने की अनुशंसा की थी।

कुलपति बोले- रिपोर्ट नहीं देखी, कार्रवाई अभी बाकी

इस मामले में कुलपति हनुमान प्रसाद पांडेय ने बताया कि निदेशक को हटाया नहीं गया है। उनकी नियुक्ति के पत्र को वापस लिया गया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट को देखने के बाद ही आगे कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय अनियमितता के संबंध में कमेटी ने क्या टिप्पणी दी है उसे नहीं देखा है।  


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