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बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में गैर संवैधानिक नियुक्ति मामले की शिकायत पर जांच शुरू Muzaffarpur News

पूर्व कुलपति के कार्यकाल में हुई बहाली पर राजभवन की सख्ती। जांच टीम ने कुलसचिव से तीन दिन के अंदर मांगी रिपोर्ट।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 02:46 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 02:46 PM (IST)
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में गैर संवैधानिक नियुक्ति मामले की शिकायत पर जांच शुरू Muzaffarpur News
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में गैर संवैधानिक नियुक्ति मामले की शिकायत पर जांच शुरू Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में वर्ष 2018- 2019 में गैर संवैधानिक नियुक्ति की शिकायत पर राजभवन की सख्ती के बाद जांच शुरू हुई है। राजभवन से प्राप्त शिकायत पत्र के आधार पर कुलपति ने जांच टीम गठित की है। बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में जांच टीम की बैठक हुई। जांच टीम ने कुलसचिव अजय कुमार राय से तीन दिन के अंदर पूर्व में हुई पदाधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में तैयार फाइल मांगी है। फाइल आने के बाद जांच व अगली कार्रवाई होगी। 

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इस तरह से चला मामला 

विश्वविद्यालय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू सहित कई जनप्रतिनिधियों ने राजभवन को पत्र देकर शिकायत की थी कि 2018 से 2019 के बीच कई महत्वपूर्ण पर नियम के विपरीत यानी गैर संवैधानिक तरीके से नियुक्ति हुई है। शिकायत में यह आरोप है कि उपकुलसचिव द्वितीय, विकास पदाधिकारी, उप परीक्षा नियंत्रक, विधि पदाधिकारी, पेंशन पदाधिकारी एवं अन्य महत्वपूर्ण पद पर बिना राजभवन के अनुमोदन के ही नियुक्ति हो गई है। 

कमेटी में ये हैं शामिल 

जानकारी के अनुसार राजभवन के पत्र के आलोक में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.राजकुमार मंडल ने जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है।  कमेटी अध्यक्ष विश्वविद्यालय वाणिज्य संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ. सैयद आले मुज्तबा तथा सचिव उप कुलसचिव उमाशंकर दास बनाए गए हैं। कमेटी में विश्वविद्यालय की सीसीडीसी अमिता सिंंह, कॉलेज निरीक्षक कला एवं वाणिज्य डॉ.प्रमोद कुमार,  पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ.कौशल किशोर चौधरी। 

पदाधिकारी के लिए ये है मापदंड

जानकारों की मानें तो विश्वविद्यालय परिनियम कहता है कि सहायक प्राध्यापक के पद बहाली के बाद कार्य करने का कम से कम सात साल का अनुभव होगा वहीं व्यक्ति पदाधिकारी हो सकते हैं। वहीं पदाधिकारी के लिए विश्वविद्यालय पैनल पर राजभवन से अनुमोदन के बाद ही वह पदाधिकारी बनेंगे। जांच टीम यह देखेगी कि नियम का पालन हुआ या नहीं। 

  इस बारे में सीतामढ़ी सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में बड़े पद पर नियम के खिलाफ बहाली की शिकायत मिलने पर राजभवन को पत्र लिखे है। उसकी जांच व कार्रवाई की जानकारी मांगी है।  


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