अवैध गन्ना क्रशरों में शराब के लिए तैयार हो रहा काला गुड़
बगहा। जिले में गन्ना क्रशरों में शराब बनाने के लिए कच्ची सामग्री तैयार की जा रही है। इसकी
बगहा। जिले में गन्ना क्रशरों में शराब बनाने के लिए कच्ची सामग्री तैयार की जा रही है। इसकी तस्दीक दो दिन पूर्व उस समय हुई जब रामनगर अंचल बेतिया के गन्ना पदाधिकारी श्रीराम सिंह अपने टीम के साथ नौरंगिया थाना क्षेत्र में छापेमारी की। जहां सभी क्रशरों पर काले गुड़ का निर्माण होता मिला। इस गुड़ का प्रयोग शराब बनाने में किया जाता है। हाल के दिनों में मुख्यमंत्री के द्वारा शराबबंदी की समीक्षा की गई तो जानकारी मिली थी कि शराब का निर्माण व बिक्री धड़ल्ले से जारी है। चंपारण में बड़े पैमाने पर चोरी छिपे शराब बनाई और बेची जा रही है। इसकी बड़ी वजह शराब निर्माण में प्रयोग किए जाने वाले काले गुड़ की आसानी से आपूर्ति होना है। अनुमंडल में बड़े पैमाने पर गन्ना क्रशरों का संचालन किया जा रहा है, जहां काले गुड़ का निर्माण किया जाता है। जिसके बाद मद्य निषेद्य के सचिव के के पाठक ने चंपारण का दौरा किया। उन्होंने चंपारण में अवैध रूप से गन्ना क्रशरों के संचालन पर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। जिसके बाद गन्ना विभाग की टीम ने छापेमारी शुरू की। जांच में पाया गया कि किसी भी क्रशर संचालक के पास लाइसेंस नहीं है। जिसके बाद उस थाना क्षेत्र में संचालित हो रहे 31 क्रशरों को सील करते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जानकर बताते हैं कि सभी गन्ना क्रशरों पर जो गुड़ तैयार किया जाता है उसका इस्तेमाल शराब निर्माण में ही होता है। शराब बनाने वाले एक धंधेबाज के अनुसार शराब का निर्माण करने के लिए काला गुड़ सबसे अच्छा माना जाता है। इस गुड़ को अगर एक किलो का घोल तैयार कर दिया जाता है तो उससे कम से पांच बोतल शराब तैयार हो जाती है। उसके अनुसार सफेद गुडड़ का घोल तैयार होने पर एक से दो बोतल शराब तैयार होती है।
बगहा एसडीपीओ कैलाश प्रसाद ने कहा कि गन्ना विभाग की टीम के द्वारा पुलिस जिले में संचालित गन्ना क्रशरों पर छापेमारी की जा रही है। नौरंगिया में हुई छापेमारी में काला गुड़ बरामद किया गया है। जिसके बाद सभी क्रशरों को सील कर दिया गया है। जांच के बाद स्पष्ट होगा कि उक्त गुड़ का प्रयोग किसके द्वारा किया जाता है।