मुजफ्फरपुर के इस ब्लड बैंक से चल रहा था खून का काला कारोबार, 300 बैग के वाउचर भी मिले
ड्रग इंसपेक्टर ने वरीय अधिकारी से ब्लड बैंक का लाइसेंस रद करने की सिफारिश की है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से जिलाधिकारी व सिविल को अवगत कराया गया है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। इमलीचट्टी में संचालित सिन्हा ब्लड बैंक से अवैध तरीके से खून खींचकर बेंचने का अवैध कारोबार हो रहा था। ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि को ब्लड बैंक से जांच में तीन सौ खाली ब्लड संग्रह करने वाले बैग के बिल मिले हैं। चूनाभट्ठी रोड में संचालित अवैध ब्लड कलेक्शन सेंटर से बरामद बैग का नंबर व ब्लड बैंक से बरामद खाली बैग एक ही सीरीज के पाए गए।
अवैध कारोबारियों में हड़कंप
पुलिस गिरफ्त में आया सूरज ने ड्रग इंस्पेक्टर को बताया था कि वह सिन्हा ब्लड बैंक के लिए गरीबों का खून खींचने का काम करता था। जांच का दायरा बढऩे से अवैध कारोबारियों में हड़कंप मचा है। कुछ लोग पूछताछ शुरू होने पर सरक गए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में इस संबंध में परिवाद दायर करने की कवायद चल रही है। इधर ड्रग इंसपेक्टर ने वरीय अधिकारी से ब्लड बैंक का लाइसेंस रद करने की सिफारिश की है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह व सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह सहित जांच टीम में शामिल चिकित्सक व अनुज्ञापन पदाधिकारी शिवानी को अवगत कराया गया है। वरीय अधिकारी के आदेश का इंतजार है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद लाइसेंस रद कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बैग आपूर्ति करने वाले की होगी पड़ताल
जांच में यह बात सामने आई कि जूरन छपरा के एक सर्जिकल सामान बेचने वाले दुकानदार ने बैग की आपूर्ति की है। टीम वहां पर जांच करेगी कि उस दुकानदार ने किस-किस ब्लड बैंक को कितने बैग की आपूर्ति की है। उसके आधार पर वहां पर जांच होगी। जितने लोग इस अवैध कारोबार में शामिल होंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सिविल सर्जन डॉ.एसपी ङ्क्षसह ने कहा कि खून का सौदा करना अक्षम्य अपराध है। पुलिस को इस मामले में हर सहयोग किया जाएगा। पुलिस भी अपने स्तर से छापेमारी कर रही है।
ये चल रही कार्रवाई
- लाइसेंसी ब्लड बैंक के लिए ही आता है खून संग्रह का बैग। इसे आम आदमी के हाथ तो नहीं बेंचा जा रहा।
- सिन्हा ब्लड बैंक के साथ इस अवैध कारोबार में जुड़े लोगों का स्पीडी ट्रायल कराकर दिलाई जाएगी सजा।
- पुलिस की पकड़ में आए पांच ब्लड डोनरों को बनाया गया सरकारी गवाह।