एईएस के खिलाफ जागरूकता में आगे आएंगे बिहार विश्वविद्यालय के शिक्षक, जानिए Muzaffarpur News
जागरूकता के लिए आगे आएंगे विवि के शिक्षक। कुपोषण दूर करने और साफ-सफाई को लेकर जागरूकता होगी प्राथमिकता। झाड़-फूक के चक्कर में नहीं फंसने की देंगे सलाह।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में चमकी बुखार से बच्चों की मौत के आंकड़ों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इससे प्रभावित प्रखंडों में लोगों के बीच भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों के माध्यम से इन प्रखंडों में लोगों को जागरूक करने पर विचार कर रहा है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि यह हम शिक्षकों का भी सामाजिक दायित्व है प्रभावित प्रखंडों में बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए जागरूक करना होगा।
जानकारी के अभाव के कारण भी बच्चे काल के गाल में समा जाते हैं। ऐसी स्थिति में शिक्षकों का दायित्व बनता है कि वे प्रखंडों में लोगों को जागरूक करें। कई अन्य शिक्षकों ने भी इसमें अपना योगदान देने की बात कही है। शिक्षकों ने बताया कि प्रभावित प्रखंडों में लोग तेज बुखार होने पर कई बार झाड़-फूंक के चक्कर में समय बर्बाद कर देते हैं। यह मौत तक का कारण बन जाता है। लोगों को चाहिए कि थोड़ा भी लक्षण दिखने के बाद तुरंत नजदीकी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। समय रहते अस्पताल पहुंच जाने पर बच्चे को बचाया जा सकता है।
विवि की ओर से इसको लेकर एक शिक्षकों की एक कमेटी बनेगी। जो प्रभावित प्रखंडों में जाकर लोगों को जागरूक करेगी। कुलपति डॉ.हनुमान प्रसाद पांडेय ने बताया कि इस बीमारी से लडऩे के लिए लोगों को जागरूक होना बहुत जरूरी है। इसमें शिक्षक अहम भूमिका निभा सकते हैं। शिक्षकों को चाहिए कि इसके लिए आगे आएं। बता दें कि जिले में मुख्य रूप से मुशहरी, बोचहां, कांटी, मीनापुर और मोतीपुर प्रखंड प्रभावित है।