अब अमेरिका के बाजार में दिखेगी बिहार की शाही लीची, जानिए क्या है योजना...
बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची अब सात समंदर पार अमेरिका के बाजार में दिखेगी। वहां लीची को बाजार देने की दिशा में पहली बार इस तरह का कदम उठाया गया है। अब बाग से सीधे लीची तोड़कर अमेरिका के बाजार में भेजने की योजना है।
मुजफ्फरपुर [अमरेन्द्र तिवारी]। बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची अब सात समंदर पार अमेरिका के बाजार में दिखेगी। वहां लीची को बाजार देने की दिशा में पहली बार इस तरह का कदम उठाया गया है।
अब बाग से सीधे लीची तोड़कर अमेरिका के बाजार में भेजने की योजना है। इसे जमीनी रूप देने के लिए पहले प्रशिक्षण, उसके बाद नोडल एजेंसी का चयन और फिर उसके लिए संसाधन मुहैया कराया जाएगा।
लीची बिहार, खासकर मुजफ्फरपुर की पहचान है। लेकिन, इसकी मार्केटिंग के लिए खास प्रयास नहीं किए गए। सरकार की इस पहल के बाद लीची के दूर देशों मे निर्यात के रास्ते खुल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने की पहल
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विशालनाथ ने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की निगरानी में लीची विकास की लगातार पहल चल रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, कृषि मंत्रालय व एग्रीकल्चर प्रोडक्ट प्रोसेस फूड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपिडा) लीची को बाजार देने के लिए एक साथ किसान व व्यापारियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
योजना से जोड़े जाएंगे किसान
बिहार सरकार के उद्यान विभाग की मदद से ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए बहुत जल्द प्रशिक्षण देने की योजना है।
कोलकाता के रास्ते सफर
मुजफ्फरपुर से कोलकाता बंदरगाह के रास्ते अमेरिका के बाजार में लीची को भेजा जाएगा। किसानश्री मुरलीधर शर्मा व प्रगतिशील किसान शंभूनाथ चौबे ने कहा कि यह एक बेहतर पहल है। इससे लीची किसानों की माली हालत सुधरेगी और शाही लीची का स्वाद विदेश के लोग भी लेंगे।
31 हजार हेक्टेयर में बाग
पूरे प्रदेश में 31 हजार हेक्टेयर में लीची के बाग हैं। लीची अनुसंधान केंद्र के मुताबिक प्रमुख रूप से मुजफ्फरपुर में 10 हजार हेक्टेयर, वैशाली, समस्तीपुर, मोतिहारी में 18 हजार हेक्टेयर में, भागलपुर-नवगछिया व बेतिया में तीन हजार हेक्टेयर में लीची के बाग हैं। इसके अलाव बाकी जिले में कहीं-कहीं छिटपुट कुछ पेड़ है। कृषि विभाग के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले में 8102.64 हेक्टेयर में लीची के बाग हैं।
कहा- निदेशक, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, ने
'लीची को बाजार देने की योजना बनी है। मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मोतिहारी, पटना के कृषि अधिकारी, प्रगतिशील किसान, लीची वैज्ञानिक व व्यापारी को एक मंच पर लाने की योजना है।
-डॉ. विशालनाथ
(निदेशक, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र)