पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में लगी आग में बिहार के इंजीनियर की गई जान
West champaran News रामनगर प्रखंड के जोगिया पंचायत के वार्ड संख्या सात निवासी 29 वर्षीय सुशील कुमार पांडेय पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया में इंजीनियर थे। घटना के दिन वे ड्यूटी पर थे। तभी आग लग गई।
By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 07:16 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 07:16 PM (IST)
पश्चिम चंपारण (बगहा), जासं । पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया में लगी आग में देवराज के इंजीनियर की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही घर में कोहराम मच गया।शनिवार की देर शाम शव घर पहुंचा तो बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई।रामनगर प्रखंड के जोगिया पंचायत के वार्ड संख्या सात निवासी 29 वर्षीय सुशील कुमार पांडेय पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया में इंजीनियर थे। घटना के दिन वे ड्यूटी पर थे। तभी आग लग गई। स्वजनों के अनुसार वे अपनी जान की परवाह किए बिना मजदूरों की जान बचाने में लग गए। इस दौरान उनकी भी मौत हो गई।
रेलवे में लगी थी नौकरी, जुलाई में होना था प्रशिक्षण
स्वजनों के अनुसार सुशील बचपन से ही काफी होनहार थे। दो भाइयों में छोटे सुशील बीटेक करने के बाद तैयारी में जुट गए। इस बीच उन्हें रेलवे में लोकाे पायलट के लिए चयन हो गया। कोविड 19 के कारण उनका प्रशिक्षण जुलाई 21 में होना था। एक महीना पहले ही पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया में काम करने के लिए गए थे ।
स्वजनों का रो-रोकर हाल बेहाल
पिता किशोर पांडेय तथा माता रानी पांडेय का रो-रो कर हाल बेहाल है। बड़े भाई के भी आंसू रुक नहीं रहे हैं। पिता किसान हैं। मौके पर उपस्थित मुखिया व अन्य लोगों ने घर वालों को ढा़ढस बधाया। बताया कि सुशील बहुत ही मिलन सार व मृदुभाषी युवा थे । मई माह में इ शादी होने वाली थी । बीते 25 दिसंबर को ही पुणे गए थे ।
- सहकर्मियों की जान बचाने के क्रम में हुए जख्मी, इलाज के दौरान मौत ।
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लोको पायलट के रूप में हुआ था चयन, जुलाई में शुरू होना था प्रशिक्षण ।
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स्वजनों के अनुसार जब इंस्टीट्यूट लगी तो वे अपनी जान की परवाह किए बिना मजदूरों की जान बचाने में लग गए थे। इसी दौरान आग की चपेट में आ गए ।
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