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BIGG BOSS : एक 'दीपक' जिससे मुजफ्फरपुर का पूरा आथर गांव रोशन

दीपक के परिजन व गांववालों से लाइव रूबरू हुए होस्ट सलमान खान। दीपक की उपलब्धि पर गांववालों को गर्व, चौक-चौराहों पर चर्चा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 08:44 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 08:44 PM (IST)
BIGG BOSS : एक 'दीपक' जिससे मुजफ्फरपुर का पूरा आथर गांव रोशन
BIGG BOSS : एक 'दीपक' जिससे मुजफ्फरपुर का पूरा आथर गांव रोशन

मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। मुशहरी प्रखंड का आथर गांव। हर ओर एक ही नाम, एक ही चर्चा। दीपक ठाकुर...अपना कन्हैया। चौक-चौराहों से लेकर खेत-खलिहान तक। हर किसी का दोस्त और रिश्तेदार। आज दीपक ने गांव का नाम रोशन कर दिया। माता-पिता के सपनों को पूरा कर दिया। संघर्ष को मुकाम मिल गया।

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टीवी शो बिग बॉस के घर में बेहतर कर रहे दीपक ठाकुर की उपलब्धि पर लोगों का सीना चौड़ा हो गया है। गांव के बड़े-बुजुर्ग गांव का गौरव बता रहे। पिता पंकज ठाकुर भावुक हैं। मां मीरा ठाकुर की आंखें पुराने दिनों को याद कर भर आती हैं। दीपक के संघर्ष व मेहनत के साथ लोगों के ताने भी याद करती हैं। बहनों को तो मानों पंख ही लग गए। उसे तबलची व हारमोनियम मास्टर कहनेवाले अब मित्र-नातेदार बन गए।

गांववालों से रूबरू हुए सलमान

शुक्रवार की रात शो के होस्ट अभिनेता सलमान खान दीपक ठाकुर के परिजन व गांववालों से ऑनस्क्रीन लाइव रूबरू हुए। उन्होंने दीपक के माता-पिता, रिश्तेदारों व मित्रों से बात की। सलमान खान ने नानी राजकली देवी से भी बात की। लाइव शो के प्रसारण के लिए बिग बॉस की एक टीम दीपक ठाकुर के घर पहुंची थी। उन्होंने लाइव शो के लिए पूरा सेटअप तैयार किया था।

मां को बेटे पर नाज

दीपक की मां को बेटे पर नाज है। कहती हैं कि हमने पुराने दिनों में लोगों के ताने सुने हैं। बेटा जब कहीं गाने जाता तो लोग व्यंग्य करते। लेकिन, कभी उसने हिम्मत नहीं हारी।

अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में गाने के बाद सबकुछ बदल गया। मुक्केबाज फिल्म में गाने का मौका मिला, फिर तो रास्ते बनते गए।

पढ़ाई-लिखाई को लेकर संजीदा थे माता-पिता

दीपक ठाकुर में बचपन से संगीत के प्रति प्रेम था। जो गाना सुनता, याद हो जाता। ट्रैक भी पकड़ लेता। हालांकि, माता-पिता पढ़ाई को लेकर संजीदा थे। कई बार दीपक को डांट-फटकार भी झेलनी पड़ती। लेकिन, दीपक ने ठान ली थी कि उसे गायक ही बनना है। धीरे-धीर उसकी रुचि बढ़ती गई। बेटे की जिद के आगे माता-पिता को भी झुकना पड़ा। उन्होंने मुजफ्फरपुर शहर में बेटे को संगीत की शिक्षा दिलाई। शुरुआती दौर में उसने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। बाद में गैंग्स ऑफ वासेपुर में ब्रेक मिला।


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