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रेलवे की बड़ी पहल: अब प्लास्टिक की बोतलों से बनेंगे टी-शर्ट व टोपी, पहनकर कह उठेंगे 'वाह'

रेलवे प्‍लास्टिक की खाली बोतलों से टी-शर्ट व टोपी बनाने की महत्‍वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए एक साल में 16 स्टेशनों पर बोतल क्रशर मशीनें लगाईं गईं हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 11:12 AM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 11:12 AM (IST)
रेलवे की बड़ी पहल: अब प्लास्टिक की बोतलों से बनेंगे टी-शर्ट व टोपी, पहनकर कह उठेंगे 'वाह'
रेलवे की बड़ी पहल: अब प्लास्टिक की बोतलों से बनेंगे टी-शर्ट व टोपी, पहनकर कह उठेंगे 'वाह'

समस्‍तीपुर, प्रकाश कुमार। ट्रेन से सफर के बाद खाली प्लास्टिक की बोतलें अब कूड़े के ढेर में नहीं जाएंगी। इनसे टी-शर्ट और टोपी का निर्माण होगा। पूर्व मध्य रेलवे ने प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत की है। इसके लिए मुंबई की एक कंपनी से समझौता हुआ है। कुछ टी-शर्ट बनकर तैयार हुई हैं। उन्हें दानापुर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनी के तौर पर रखा गया है। ये टी-शर्ट हर मौसम में आरामदायक व आधुनिक फैशन के अनुसार हैं, जिन्हें पहनकर आप वाह-वाह कह उठेंगे। रेलवे आने वाले दिनों में इन्हें बाजार में बेचेगी।

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कचरा निष्पादन के साथ ऊर्जा संरक्षण पर काम कर रहा रेलवे

रेलवे कचरे के निष्पादन के साथ ऊर्जा संरक्षण पर काम कर रहा है। इसी के तहत मुंबई की कंपनी बायोक्रक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से करार होने के बाद पानी की खाली बोतलों को रीसाइकिल करने का काम पिछले साल शुरू हुआ। इसके तहत पूर्व मध्य रेलवे ने बीते एक साल में 16 स्टेशनों पर बोतल क्रशर मशीनें लगाईं। ये स्टेशन हैं- पटना, दानापुर, राजेंद्र नगर, पटना साहिब, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, धनबाद, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, जयनगर, बापूधाम मोतिहारी, मधुबनी, सहरसा, रक्सौल, सीतामढ़ी और सुगौली। एक मशीन लगाने में रेलवे ने लगभग पांच लाख रुपये खर्च किए।

एक टी-शर्ट बनाने में 350 रुपये खर्च

इन स्टेशनों से क्रश की गईं बोतलें दानापुर रेल मंडल भेजी जाती हैं, जिन्‍हें कंपनी ले जाती है। पहली बार दो अक्टूबर 2019 को क्रश की गईं बोतलें कंपनी को उपलब्ध कराई गईं। कंपनी उत्तराखंड के पशुपति टेक्सटाइल के साथ मिलकर कपड़ा बना रही है। वह अभी तक तीन बार में कुल आठ क्विंटल क्रश की गईं बोतलें ले गई है। इससे बनीं टी-शर्ट रेलवे को उपलब्ध कराई हैं। कंपनी को एक टी-शर्ट बनाने में लगभग 350 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। वह एक टन प्लास्टिक कचरे से 10 हजार रुपये मूल्य के टी-शर्ट रेलवे को देगी।

हर मौसम में आरामदायक यह कपड़ा

कंपनी के डायरेक्टर फाउंडर अजय मिश्रा ने बताया कि प्लास्टिक बोतल से धागा बनाया जाता है। इसे कॉटन या पॉलिस्टर के धागे में मिक्स कर कपड़ा तैयार किया जाता है। इसमें रीसाइकिल मैटेरियल का 25 फीसद इस्तेमाल किया जाता है। इससे बनी टी-शर्ट और टोपी को हर मौसम में आराम से पहना जा सकता है।

इधर-उधर नहीं, क्रशर मशीन में डालें बोतलें

पूर्व मध्य रेलवे के  सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि यात्री खाली पानी की बोतलें इधर-उधर फेंकने की जगह क्रशर मशीन में डालें, इसके लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है। इस तरह का प्रयोग पूर्व मध्य रेलवे के सभी स्टेशनों पर करने की योजना है। इससे स्टेशनों को साफ-सुथरा रखने में मदद मिलेगी। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्रभावी कदम साबित होगा।


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