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Bhai Dooj 2020: भैया दूज पर बहनों ने कूटा गोधन, फिर जीभ पर चुभोया रेेंगनी का कांटा

Bhai Dooj 2020 भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक पर्व भैया दूज पर्व जिले में शुक्रवार को परंपरागत तरीके से हर्षोल्लास के माहौल में मनाया गया। भैया दूज पर बहनों ने गोधन कूटने के साथ जीभ पर रेेंगनी का कांटा भी चुभोया।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 11:32 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 11:32 AM (IST)
Bhai Dooj 2020: भैया दूज पर बहनों ने कूटा गोधन, फिर जीभ पर चुभोया रेेंगनी का कांटा
मोतिहारी। भैया दूज पर्व पर गीत गाती महिलाएं।

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक पर्व भैया दूज पर्व जिले में शुक्रवार को परंपरागत तरीके से हर्षोल्लास के माहौल में मनाया गया। भैया दूज पर बहनों ने गोधन कूटने के साथ जीभ पर रेेंगनी का कांटा भी चुभोया। शहर से लेकर गांव तक एक ओर जहां बहनों ने अपने भाईयों के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की, तो वहीं भाईयों ने भी बहनों को उपहार देकर हर मुश्किल घड़ी में साथ देने का वचन दिया। इस मौके पर बहनों ने अपने भाईयों को मुंह भी मीठा कराया। बहनों ने उनके हाथों की पूजा की। फिर बहनों ने भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर हाथ में कलेवा बांधा और मुंह मीठा कराकर उनकी लंबी आयु की कामना की। ताकि, भाई विघ्न-बाधाओं से दूर रखा जा सके। 

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इस बीच महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया कि कार्तिक शुक्लपक्ष द्वितीया तिथि को यम द्वितीया व भ्रातृ द्वितीया (भैया दूज) के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर भोजन कराया था तथा इस अवसर पर यमलोक में उत्सव भी हुआ था। इस दिन बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करने व उन्हें यथाशक्ति दान देने से कर्मपाश में बंधे हुए नारकीय पापियों को भी यमराज छोड़ देते हैं।

 उन्होंने बताया कि इस तिथि में बहन के द्वारा अपने भाइयों को श्रापने की परंपरा है और पुनः बहनें अपने जिह्वा पर रेंगनी के कांटों को चुभाती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहन का श्राप भाईयों के लिए आशीर्वाद होता है। बहनें इस दिन व्रत रखकर भाई के माथे पर तिलक लगाकर भाई के दीर्घ जीवन की कामना करतीं हैं। प्राचार्य पाण्डेय ने बताया कि आज के दिन अपने घर भोजन नहीं कर बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करना चाहिए। इससे बल, पुष्टि, धन, यश,आयु, धर्म,अर्थ और अपरिमित सुखों की प्राप्ति होती है।


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