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परीक्षा कक्ष में कैसे पहुंचा मोबाइल, जवाब दें केंद्राधीक्षक व परीक्षा नियंत्रक

बीएड की परीक्षा में एलएनटी केंद्र पर मोबाइल अंदर ले जाने और उसके इस्तेमाल का वाकया सामने आने के बाद पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 09:00 AM (IST)
परीक्षा कक्ष में कैसे पहुंचा मोबाइल, जवाब दें केंद्राधीक्षक व परीक्षा नियंत्रक
परीक्षा कक्ष में कैसे पहुंचा मोबाइल, जवाब दें केंद्राधीक्षक व परीक्षा नियंत्रक

मुजफ्फरपुर। बीएड की परीक्षा में एलएनटी केंद्र पर मोबाइल अंदर ले जाने और उसके इस्तेमाल का वाकया सामने आने के बाद पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में है। फजीहतों से बचने के लिए विश्वविद्यालय ने तत्काल संबंधितों को शोकॉज नोटिस थमाकर जवाब तलब किया है। कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव कॉलेज के प्राचार्य सह केंद्राधीक्षक व परीक्षा नियंत्रक से शोकॉज का जवाब मिलने पर कार्रवाई की बात कर रहे। मोबाइल की रोशनी में परीक्षा का वीडियो वायरल होने पर संबंधितों को सांप सूंघ गया है। प्राचार्य सह केंद्राधीक्षक वीरेंद्र प्रसाद सिंह फोन तक रिसीव नहीं कर रहे। वहीं, परीक्षा नियंत्रक सुनील जायसवाल ने कहा कि मुहर्रम की छुट्टी के कारण उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं। उधर, लोग इस मामले को कॉलेज प्रशासन की बड़ी लापरवाही करार दे रहे। कुलपति ने माना है कि यह मामला वाकई गंभीर है और इसकी जांच कराई जा रही कि परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने और उसके इस्तेमाल की इजाजत कैसे दी गई। प्रथम दृष्टया कॉलेज प्रशासन की लापरवाही उजागर होती है। लाइट जाना आम बात हो गई है, ऐसे में जेनरेटर की व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी।

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रद हो परीक्षा, दोषियों पर भी कार्रवाई

परीक्षा में मोबाइल फोन का खेल खेल चालू था और केंद्राधीक्षक व वीक्षक सभी खड़े होकर तमाशबीन बने हुए थे, किसी ने रोका टोका नहीं। मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन के विश्वविद्यालय अध्यक्ष दाउद इब्राहिम ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और इसके खिलाफ राजभवन व मानव संसाधन विकास विभाग को पत्र लिखा जा रहा। परीक्षा को रद कर पुनपर्रीक्षा के लिए दूसरी जगह सेंटर दिया जाए। बीएड फ‌र्स्ट पार्ट 2017-19 सत्र की कोर्स-5 की परीक्षा में दो दिन बाद होने वाली परीक्षा के प्रश्न भी पूछ दिए गए।

शोकॉज नोटिस सिर्फ दिखावा

संबंधितों से शोकॉज नोटिस पूछे जाने की बात दिखावा से ज्यादा कुछ नहीं है। क्योंकि, एलएनटी कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक सुनील कुमार जायसवाल कह चुके हैं कि बरसात होने पर बत्ती गुल हो गई थी और जेनरेटर में तेल नहीं था, जिससे अंधेरा छा गया था। ऐसे में मोबाइल का फ्लैश जलाने के अलावा परीक्षार्थियों के पास और कोई उपाय नहीं था। परीक्षा नियंत्रक ने यहां तक कह दिया कि यूनिवर्सिटी परीक्षा खर्च के नाम पर कॉलेज को फूटी कौड़ी नहीं देती है और प्राचार्य अपनी जेब से पैसे लगाने को तैयार नहीं तो फिर ऐसी नौबत आएगी ही।


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