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समस्तीपुर में टूटा बैती नदी का बांध, बस्ती में घुसा पानी

गंगा और बाया नदी के बाद गंडक बूढ़ी गंडक बलान और नून नदी भी तबाही मचा रही है। उजियारपुर में बूढ़ी गंडक के तेज कटाव से नदी किनारे बने घरों पर खतरा मंडराने लगा है। नदी के बढ़ते जलस्तर के साथ कटाव में भी तेजी आई है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 23 Aug 2021 09:18 AM (IST)Updated: Mon, 23 Aug 2021 09:18 AM (IST)
समस्तीपुर में टूटा बैती नदी का बांध, बस्ती में घुसा पानी
मोहिउद्दीननगर, विद्यापतिनगर व मोहनपुर में गंगा और बाया नदी का कहर जारी है। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जागरण टीम। उत्तर बिहार मेें बाढ़ का कहर जारी है। गंगा, बागमती, बाया, गंडक, लखनदेई, बूढ़ी गंडक समेत अन्य बरसाती नदियां तबाही मचा रही हैं। समस्तीपुर के विभूतिपुर में रविवार की रात बैती नदी के जलस्तर मेें वृद्धि से मंडाहा बांध टूट गया। इससे पिछड़ी बस्ती में पानी प्रवेश करने लगा। यहां करीब पांच हजार की आबादी प्रभावित हुई है। गंगा और बाया नदी के बाद गंडक, बूढ़ी गंडक, बलान और नून नदी भी तबाही मचा रही है। उजियारपुर में बूढ़ी गंडक के तेज कटाव से नदी किनारे बने घरों पर खतरा मंडराने लगा है। नदी के बढ़ते जलस्तर के साथ कटाव में भी तेजी आई है। मोरवा में नून नदी का जलस्तर बढऩे से राजकीय मेला स्थल बाबा केवल धाम इंद्रबारा के परिसर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। मोहिउद्दीननगर, विद्यापतिनगर व मोहनपुर में गंगा और बाया नदी का कहर जारी है। 

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मुजफ्फरपुर में बागमती और लखनदेई के प्रकोप से आधा दर्जन प्रखंड प्रभावित हैं। आधा दर्जन शहरी इलाकों में पानी घुस गया है। वहां बाढ़ जैसे हालात हैं। मधुबनी के बेनीपट्टी प्रखंड मेें बाढ़ का पानी कम हो रहा है। हालांकि गांवों में लोगों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। माधोपुर से विशनपुर जानेवाली सड़क दो जगहों पर टूटकर ध्वस्त हो गई है। इससे आवागमन ठप है।

असामाजिक तत्वों ने तोड़ा था जमींदारी बांध

दरभंगा के केवटी में जमींदारी बांध पानी के दबाव से नहीं बल्कि, असामाजिक तत्वों की करतूत से टूटा है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, दरभंगा के कनीय अभियंता बोधकृष्ण बबलू ने रविवार को कमतौल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। कहा है कि शुक्रवार को उन्होंने बांध का निरीक्षण किया था। बांध मेें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी। बागमती का जलस्तर भी बांध के शीर्ष से तीन फीट नीचे था। बांध को कोई खतरा नहीं था, फिर भी वह तीन मीटर की दूरी में टूट गया। उन्होंने असामाजिक तत्वों पर आशंका जाहिर करते हुए बांध तोडऩे की बात कही है। बांध के टूटने से 100 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।


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