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Madhubani : पांच गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा की शर्त पर जमानत, एडीजे कोर्ट का फैसला चौकाने वाला

झंझारपुर में लॉकडाउन का उल्लंघन कर स्कूल का संचालन करने का आरोपित है निजी विद्यालय का प्रिंसिपल स्कूल बंद कराने के दौरान पुलिस के साथ दुव्र्यवहार करने का भी है आरोप कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए गाइडलाइन का पालन जरूरी है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 02:24 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 02:24 PM (IST)
Madhubani : पांच गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा की शर्त पर जमानत, एडीजे कोर्ट का फैसला चौकाने वाला
मधुबनी के झंझारपुर के एडीजे कोर्ट के फैसले से सभी खुश। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पूर्वी चंपारण, जासं। झंझारपुर के एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) के कोर्ट ने उपकारा में बंद एक निजी स्कूल के शिक्षक का सशर्त जमानत याचिका मंजूर किया है। कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के लिए बंदी शिक्षक को पांच गरीब परिवार के बच्चों को पहली से पांचवीं क्लास तक मुफ्त शिक्षा देने की शर्त रखा है। यह आदेश अपने आप में झंझारपुर कोर्ट के लिए नजीर बन गया है। कोर्ट के शर्तों को सुन आरोपित शिक्षक ही नहीं आम अवाम के बीच भी कानून का सुनहला रुप सामने आया है। एडीजे कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तों की काफी प्रशंसा हो रही है।

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इन मामले में जेल में बंद है शिक्षक 

अंधरामठ थाना ने 20 अप्रैल 21 को कांड सं. 46/2021 दर्ज किया गया था। यह मामला कोविड काल के लॉकडाउन में स्कूल खोले जाने को लेकर दर्ज किया गया था। इस मामले में लौकही के बीडीओ रीतम कुमार चौहान के आवेदन पर लौकही में चलाए जा रहे एक निजी स्कूल के प्र‍िंसिपल हेमनारायण भारती उर्फ हेमनारायण यादव को आरोपित करते हुए बताया गया था कि लॉकडाउन में चलाए जा रहे स्कूल को बंद कराने के लिए जब पुलिस पहुंची तो पुलिस के साथ आरोपित के द्वारा दुव्र्यवहार एवं धक्का मुक्की की गई। इस मामले में 20 अप्रैल से ही हेमनारायण भारती जेल में बंद है।

आरोपित की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता लक्ष्मेश्वर प्रसाद स‍िंंह ने एडीजे कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करते हुए बताया था कि आरोपित शिक्षक बीपीएससी का पीटी परीक्षा पास कर चुका है। अगर उसे जमानत पर रिहा नहीं किया गया तो उसका भविष्य अंधकार में चला जाएगा। अधिवक्ता के दलीलों को सुनने के बाद एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने दस हजार का दो मुचलका जमा करने के साथ ही आरोपित शिक्षक को पांच गरीब बच्चों को पहली से पांचवीं तक मुफ्त शिक्षा देने के बाद उनके स्वजन से प्रमाण-पत्र लेकर कोर्ट में जमा करने की शर्त पर जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया है।


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