Bihar Flood News: बागमती की बाढ़ ने कई गांवों के लोगों को किया बेघर, हाईवे बना आशियाना
Bihar Flood News बागमती की बाढ़ से औराई प्रखंड के कई गांवों के लोग विस्थापित हो गए हैं। 18 परिवार सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे किनारे बीते 10 दिनों से रह रहे हैं। जानें इनका हाल।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। हर साल की तहर इस बार भी वही दुखभरी कहानी। बाढ़ के कारण उजड़ना और फिर पानी उतरने पर दोबारा गृहस्थी सजाना। यह पीड़ा बागमती नदी के किनारे बसे औराई प्रखंड के कई गांवों की है। यहां के लोग इस साल भी डेढ़ दर्जन परिवार बाढ़ से बेघर होकर सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे किनारे शरण लिए हुए हैं। वे पॉलिथीन टांगकर किसी तरह अपना गुजर-बसर करने को मजबूर हैं।
दस दिन से हाईवे पर बीत रहा जीवन, खाने का ठिकाना नहीं
औराई केघनश्यामपुर, परड़ी, पितौझिया व बेदौल के अलावा सीमावर्ती रून्नीसैदपुर प्रखंड के कई गांवों के 45 परिवार इस समय बागमती में आई बाढ़ के चलते विस्थापित हो चुके हैं। इनमें औराई के 18 परिवार हैं। वे बीते 10 दिनों से सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे किनारे रह रहे हैं। यहां भोजन से लेकर शौचालय तक की परेशानी है। कोई सहायता नहीं मिल सकी है। इन्हें अभी ये नहीं मालूम कि कितने दिनों तक यहीं रहना होगा।
पिछले साल भी यही था हाल
घनश्यामपुर की सावित्री देवी की आंखों में तो पिछले साल की पीड़ा अभी बरकरार है। तब उनका परिवार डेढ़ माह तक टोल प्लाजा के पास पॉलीथीन टांगकर रहा था। वह कहती हैं, पिछले साल अन्न, वस्त्र, नकदी, घर और मवेशी बह गए थे। राहत के नाम पर महज छह हजार रुपये मिले थे। इस बार भी वही हाल है। राहत की टकटकी है। इंतजार है कि पानी कम हो तो घर जाएं।
दिल दहला देते हैं हाईवे से गुजरते वाहन
मालती देवी, अर्जुन साह, रीतलाल पासवान और अरविंद साह आदि बताते हैं कि भोजन से लेकर पानी तक की समस्या है। प्रशासन की तरफ से अभी कोई सहायता नहीं मुहैया कराई गई है। मजबूरी के चलते कोरोना काल में शारीरिक दूरी भी नहीं रख पा रहे। इससे संक्रमण का भी खौफ है। हाईवे से बड़े वाहन गुजरते हैं तो दिल डर जाता है। पता नहीं कब क्या हो जाए। गाड़ियों की आवाज न सोने देती है न जगने।
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