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Muzaffarpur Flood News : बागमती और गंडक का जलस्तर खतरे के निशान के पार, गंडक स्थिर

Muzaffarpur Flood News बागमती के जलस्तर में फिर वृद्धि बूढ़ी गंडक के जलस्तर में हल्की गिरावट- बूढ़ी गंडक में कई स्थानों पर कटाव हाईवे रेललाइन और तटबंधों पर दबाव।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 10:25 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 10:25 PM (IST)
Muzaffarpur Flood News : बागमती और गंडक का जलस्तर खतरे के निशान के पार, गंडक स्थिर
Muzaffarpur Flood News : बागमती और गंडक का जलस्तर खतरे के निशान के पार, गंडक स्थिर

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Muzaffarpur Flood News : बुधवार की रात हुई बारिश के बाद गुरुवार को एकबार फिर बागमती नदी में उफान आ गया। गुरुवार को बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। जबिक बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में हल्की गिरावट दर्ज की गई। गंडक नदी के जलस्तर में भी कमी आई है। बागमती और बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान के उपर बह रही है।लिहाजा, जिले में अब भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बूढ़ी गंडक नदी में कई स्थानों पर कटाव जारी है। लिहाजा लोग दहशत में हैं। वहीं हाइवे, स्टेशन, बांध और ऊंचे स्थल पर पनाह लिए हुए हैं। अबतक, जिले की 14 प्रखंडों की 14 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है।

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एनएच 28 पर पानी का दबाव

बाढ़ का पानी लगातार नए क्षेत्र में फैल रहा है। मुहम्मदपुर कोठी तटबंध टूटने के बाद बाढ़ का पानी सरैया प्रखंड स्थित बाया नदी में मिल गया है। बाढ़ का पानी सरैया, कांटी, सकरा और मुशहरी के इलाकों में फ़ैल रहा है। ढोली- समस्तीपुर के बीच कोइली रेल पुल और एनएच 28 पर पानी का दबाव बना हुआ है। वहीं झपहा के इलाकों में पानी फैलने से एनएच 77 पर भी दबाव बना हुआ है। बाढ़ का पानी आखाड़ा घाट और रेवा घाट पुल के काफी करीब पहुंच गया है। जबकि, बाढ़ के चलते कटरा, पारू, मुरौल, सकरा, सरैया, मुशहरी, मीनापुर, मोतीपुर व कांटी के इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासनिक स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है। डीपीआरओ कमल सिंह ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। प्रशासनिक टीम पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है।

बूढ़ी गंडक के जलस्तर में 8 सेमी की गिरावट

गुरुवार को एकबार फिर बागमती नदी का जलस्तर बढऩे लगा है। बागमती और बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से उपर बह रही है। पिछले चार दिनों से बूढ़ी गंडक के जलस्तर में गिरावट हो रही है। पिछले 24 घंटे में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में 0.8 सेमी की गिरावट हुई है। गुरुवार की शाम सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान 52.53 मीटर से 0.76 सेमी उपर 53.29 मीटर दर्ज किया गया। कटौझा में बागमती नदी खतरे के निशान से 2.07 मीटर उपर बह रही है। यहां का जलस्तर 0. 66 सेमी की वृद्धि के साथ 55.80 मीटर दर्ज किया गया। बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान 48.68 से 0.92 सेमी उपर 49.60 मीटर दर्ज किया गया है। यहां जलस्तर स्थिर है। रेवाघाट में गंडक नदी खतरें के निशान से 39 सेमी नीचे बह रही है। यहां का जलस्तर 54.02 मीटर दर्ज किया गया।

नए इलाकों में पसरा बूढ़ी गंडक का पानी

जलस्तर में कमी के बावजूद बूढ़ी गंडक नदी का पानी शहरी क्षेत्र के नए इलाकों में फैल रहा है। वही लोगों की परेशानी में इजाफा हो रहा है। बाढ़ का पानी शहर के मेडिकल, अहियापुर, अखाड़ा घाट, आश्रम घाट, कोल्हूआ, पैगंबरपुर, विजय छपरा, कोल्हुआ, पैंगंबरपुर, विजय छपरा, विजय छपरा, पुरानी जीरोमाईल, मिठनसराय, हनुमंत नगर, गांधीनगर, बालूघाट, लकड़ीढाई, झीलनगर, शेरपुर ढ़ाव, सत्संगनगर, राहुलनगर, मुशहरी तथा कांटी के इलाकों में पसरा है। हजारों की आबादी बाढ़ के पानी से घिरी है। जबकि, बड़ी संख्या में बाढ़ पीडि़त हाईवे, रेलवे स्टेशन और तटबंधों पर ङ्क्षजदगी काट रही है। 


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