मधुबनी में आठ माह से बंद पड़ा आयुष्मान भारत वेलनेस सेंटर, दर-दर भटक रहे मरीज
आठ माह पूर्व तक यहां दो चिकित्सक एक एएनएम एक ड्रेसर एक लैब टैक्निशियन एक सफाई कर्मी व दो एनजीओ कर्मी कार्यरत थे। जांच के नाम पर यहां प्रेगनेन्सी कालाजार हेपेटाईटिस व एचआईवी टेस्ट हो भी रहे थे।
मधुबनी, जेएनएन। प्रखंड के सरिसब पाही स्थित अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र को प्रखंड का पहला आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बने दो साल से अधिक हो चुके हैं। आठ माह पूर्व तक यहां दो चिकित्सक, एक एएनएम, एक ड्रेसर, एक लैब टैक्निशियन, एक सफाई कर्मी व दो एनजीओ कर्मी कार्यरत थे। जांच के नाम पर यहां प्रेगनेन्सी, कालाजार, हेपेटाईटिस व एचआईवी टेस्ट हो भी रहे थे। लेकिन, पिछले आठ माह से सरिसब पाही स्थित आयुष्मान भारत केंद्र बंद चल रहा है। ऐसे हालात में यहां के लोगों को ईलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जेके महतो ने बताया की चिकित्सकों की कमी के कारण कोविड-19 संक्रमण के समय यहां के कर्मियों को पीएचसी पंडौल में प्रतिनियुक्त कर दिए जाने की वजह से आयुष्मान भारत सेंटर कम खुला है। सरिसब पाही पश्चिमी के मुखिया राम बहादुर चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र की समस्यओं के बारे में दर्जनों बार प्रखंड, जिला व राज्यस्तर पर सूचना दी गई है। लेकिन, अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिले हैं। नतीजा, यहां के आम लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
तीन अक्टूबर 2018 को हुआ था शुभारंभ
इसका शुभारंभ तीन अक्टूबर 2018 को सरिसब पाही में विधायक समीर कुमार महासेठ, तात्कालीन सिविल सर्जन डॉ. अमरनाथ झा, प्रखंड प्रमुख आशा देवी और प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जेके महतो ने किया था। उस समय कहा गया था कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह एक वरदान सिद्ध होगा। कहा गया था कि यहां ओपीडी, एनसीडी की खोज, नाक-कान-गला रोग की जांच, बलगम जांच, ऑक्सिजन की सुविधा टीवी एवं कुष्ठ रोग का समान्य प्रबंधन, पैथोलैब, राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अनुसार संचारी रोगों का प्रबंधन, मातृ स्वास्थ्य देखभाल, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा, परिवार नियोजन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। यहां दो एमबीबीएस चिकित्सक, एक ए ग्रेड नर्स व दो एएनएम नियमित रूप से रहेगें। लेकिन, यहां इस तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है | आज भी लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दर-दर भटक रहे हैं। ऐसे में यहां समुचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं रहने से आमलोगों को कितनी परेशानियां हो रही है, यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है।