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मुजफ्फरपुर में आटो टिपर खरीद घोटाला, आरोप पत्र के संज्ञान के बिंदु पर शुरू हुई सुनवाई

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने शुरू की बहस कहा-सभी आरोपितों के विरुद्ध ठोस साक्ष्य। आरोपित मेयर सुरेश कुमार पूर्व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन व आपूर्तिकर्ता मोहन हिम्मत सिंगा की ओर से दाखिल की गई है अर्जी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 11:48 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 11:48 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में आटो टिपर खरीद घोटाला, आरोप पत्र के संज्ञान के बिंदु पर शुरू हुई सुनवाई
तीनों ने अर्जी में कहा, उनके विरुद्ध लगाए गए आरोप गलत, आरोपों से किया जाए मुक्त।

मुजफ्फरपुर, जासं। नगर निगम के लगभग 3.85 करोड़ के आटो टिपर खरीद घोटाला मामले में आरोप पत्र के संज्ञान के बिंदु पर सुनवाई हुई। इस मामले में आरोपित मेयर सुरेश कुमार, पूर्व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन व आपूर्तिकर्ता मोहन हिम्मत सिंगा की ओर से अलग-अलग अर्जी दाखिल की गई थी। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गलत है। उन्हें इन आरोपों से मुक्त किया जाए। संज्ञान के बिंदु पर अभियोजन पक्ष की ओर से बहस करते हुए विशेष लोक अभियोजक निगरानी अरुण कुमार चौधरी ने कहा कि सभी आरोपितों के खिलाफ ठोस साक्ष्य है। सभी ने साजिश के तहत अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए नगर निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाई। उन्होंने कोर्ट के समक्ष प्रस्ताव रखा कि पहले बचाव पक्ष को सुन लिया जाए। इसके बाद वे सभी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के समर्थन में साक्ष्यों को रखेंगे। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि बहस पूरी नहीं हुई है। 

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यह है मामला

वर्ष 2017 में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने शहर की सफाई के लिए 50 आटो टिपर खरीदने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके लिए नगर निगम की ओर निविदा आमंत्रित की गई। निविदा में भाग लेने वाले तिरहुत आटो मोबाइल माड़ीपुर के प्रतिनिधि संजय कुमार गोयनका ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से इसमें धांधली की शिकायत की। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने इस शिकायत की जांच की तो प्रथमदृष्टया धांधली की पुष्टि हुई। वर्ष 2018 में ब्यूरो ने निगरानी थाना पटना में मेयर सुरेश कुमार, तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, डा.रंगनाथ चौधरी, कार्यपालक अभियंता बिंदा सिंह, सहायक अभियंता महेंद्र सिंह, नंद किशोर ओझा, मो.कयामुद्दीन, जूनियर इंजीनियर प्रमोद सिंह व आपूर्तिकर्ता मौर्या मोटर्स पटना के प्रतिनिधि मोहन हिम्मत सिंगा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। जांच पूरी होने पर विभागीय अभियोजन की स्वीकृति मिलने के बाद ब्यूरो ने सभी आरोपितों के खिलाफ मुजफ्फरपुर के विशेष न्यायालय (निगरानी) में आरोप पत्र दाखिल किया। विशेष कोर्ट में आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बिंदु पर सुनवाई हो रही है।


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