मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के लिए सालाना ऑडिट कराना अनिवार्य, नौ शाखाओं में पूरी होगी प्रक्रिया
जिले की दर्जनभर समितियों ने वर्षों से नहीं कराया ऑडिट, वित्तीय अनियमितता पर सरकार गंभीर, ऑडिट नहीं कराने वाली समितियों के अध्यक्षों को हटाया जाएगा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। राज्य की सभी मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के लिए सालाना ऑडिट कराना अनिवार्य है। सरकार के निर्देश पर जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बैठक कर कई निर्देश दिए। मत्स्यजीवी सहयोग समितियिों के लिए ऑडिट कराने के लिए 15 से 23 फरवरी तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। यह मुजफ्फरपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की सभी नौ शाखाओं में होगा। इसके लिए ऑडिट टीम जिले में आ चुकी है। निर्धारित अवधि के दौरान ऑडिट की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए।
सभी प्रखंडों में एक-एक समिति
जिले में कुल सोलह प्रखंड हैं। इसमें प्रत्येक में एक मत्स्यजीवी सहयोग समिति कार्यरत है। इनमें सिर्फ मीनापुर, कांटी आदि ने ही अद्यतन ऑडिट कराया है। इसके अलावा कई प्रखंड की समितियों ने वर्षों से ऑडिट नहीं कराया है। इसे प्रतिवर्ष कराया जाना चाहिए। ऑडिट नहीं कराने से समितियों द्वारा वित्तीय गड़बड़ी करने की जानकारी मिली है।
समितियों का प्राप्त करें ब्योरा
जिला सहकारिता पदाधिकारी ने आपात बैठक में सभी पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन समितियों ने ऑडिट नहीं कराया है। उनकी सूची बनाकर कितने साल से हिसाब-किताब नहीं किया है। इसका ब्योरा प्राप्त करें। जिला सहकारिता पदाधिकारी ललन कुमार शर्मा ने कहा कि एक सप्ताह की निर्धारित अवधि में जिन समितियों के अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी ऑडिट नहीं कराते हैं, उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। ऐसे अध्यक्षों पर आगे चुनाव लडऩे से रोक लगाई जाएगी।