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Year Ender 2019: मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची को एईएस से जोडऩे की कोशिश हुई नाकामयाब

शोध के अंतिम परिणाम आए बिना ही बदनाम करने की कोशिश का लीची उत्पादक किसानों ने किया विरोध। बाढ़ से प्रभावित रहे जिले के तीन प्रखंड अक्टूबर में भारी वर्षा से बेहतर हुई धान की फसल।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 05:45 PM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 05:45 PM (IST)
Year Ender 2019: मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची को एईएस से जोडऩे की कोशिश हुई नाकामयाब
Year Ender 2019: मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची को एईएस से जोडऩे की कोशिश हुई नाकामयाब

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीते वर्ष  जिले की मशहूर शाही लीची के दामन पर दाग लगाने की भरपूर कोशिश की गई। उसे एईएस से जोड़ा जाने लगा। यह मामला देश स्तर पर चर्चा का विषय बना। बिना अंतिम परिणाम आए ही निर्णय सुनाने की कोशिश की गई। इससे लीची की बिक्री काफी प्रभावित हुई । बिना शोध परिणाम आए के इस तरह के आरोपों का लीची उत्पादक किसानों ने जमकर विरोध किया। लीची उत्पादक संघ की ओर से इस मुद्दे को लेकर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई।

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 इस याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार ने आरोप का खंडन किया। सरकार की ओर से कहा गया कि एईएस का लीची से कोई संबंध सामने नहीं आया है। उच्च न्यायालय ने लीची उत्पादक किसानों को मुआवजा के लिए उचित फोरम पर पक्ष रखने को कहा। सरकार की जांच रिपोर्ट में क्लीनचिट मिलने के बाद लीची को इस कलंक से मुक्ति मिली। 

कई क्षेत्रों में आई बाढ़ से हुई फसलों की क्षति

बागमती नदी में आई बाढ़ से कटरा, गायघाट व औराई प्रखंड में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ। बाढ़ के पानी के साथ आए गाद ने इन क्षेत्रों के खेतों को बालू से भर दिया। इससे उपजाऊ जमीन बंजर हो गई। किसानों ने की ओर से इसकी आवाज भी उठाई गई। 

अक्टूबर में भारी वर्षा से धान की फसल को मिला लाभ

कई सालों के बाद इस साल अक्टूबर में भारी वर्षा हुई। यह वर्षा धान की फसल के लिए वरदान साबित हुआ। सुखाड़ की मार झेल रहे धान की फसल को जीवनदान मिला। इस वर्षा की वजह से जिले के कई क्षेत्रों में धान की बेहतर उपज हुई। 

प्रधानमंत्री कृषि सम्मान के लिए तीन लाख 36 हजार 340 किसानों ने दिए आवेदन 

प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना का लाभ लेने में जिले के किसान आगे रहे। इस योजना का लाभ लेने को लेकर तीन लाख 36 हजार 340 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया। त्रुटियों व अयोग्यता के कारण इसमें 27 हजार 818 आवेदन रद कर दिए। दो लाख 95 हजार 44 किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना का लाभ मिला। इसमें से दो लाख 67 हजार 417 किसानों के स्वीकृत आवेदन कृषि विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं। 

रबी मौसम के लिए डीजल अनुदान की अब तक तैयारी नहीं

बाढ़-सुखाड़ कृषि इनपुट योजना का लाभ लेने के लिए एक लाख 27 हजार 639 किसानों के आवेदन कृषि विभाग को मिले हैं। इसकी जांच कराई जा रही है। रबी मौसम के लिए डीजल अनुदान योजना सरकार ने अब तक शुरू नहीं की है। खरीफ मौसम के लिए डीजल अनुदान योजना के तहत आए सभी आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया है। अनुदान राशि सीधे किसानों के खाता में भेजी जा चुकी है। रबी मौसम के लिए अनुदानित दर पर किसानों को बीज उपलब्ध कराए जा चुके हैं। हालांकि ओटीपी को लेकर किसानों को भारी परेशानी हुई। 

उम्मीदें 2020 

- शाही लीची को लेकर कोई शंका नहीं होगी और बिक्री में किसानों को कोई समस्या नहीं आएगी। 

- किसानों को नहीं झेलना होगा बाढ़-सुखाड़ का दंश 

- प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना का लाभ सभी योग्य किसानों को मिलेगा

- बाढ़-सुखाड़ कृषि इनपुट के आवेदनों का कर दिया जाएगा निष्पादन 

- कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ सही किसानों तक पहुंचेगा

- कृषि यंत्रीकरण का लाभ लेने में होगी आसानी  

- योजनाओं का लाभ लेने को लेकर ऑनलाइन आवेदन में ओटीपी की परेशानी से किसानों को मुक्ति मिलेगी


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