Move to Jagran APP

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बोले- मैकाले की नहीं महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षा से होगा बदलाव Muzaffarpur News

एलएस कॉलेज में वर्तमान परिवेश में बिहार में गुणात्मक शिक्षा पर संवाद। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बोले- वित्तरहित शिक्षा व्यवस्था अभिशाप।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 09:04 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 09:04 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बोले- मैकाले की नहीं महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षा से होगा बदलाव Muzaffarpur News
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बोले- मैकाले की नहीं महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षा से होगा बदलाव Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मैकाले की नहीं महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षा से ही शिक्षा में व्यापक बदलाव होगा। प्राथमिक विद्यालय से ही इसे सरकार लागू करे तो बच्चों को रोजगारपरक व गुणात्मक शिक्षा मिलेगी। उक्त बातें केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहीं। वे रविवार को एलएस कॉलेज सभागार में वर्तमान परिवेश में बिहार में गुणात्मक शिक्षा एवं शिक्षकों की दशा व दिशा विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वित्तरहित शिक्षा पद्धति खत्म करने पर बल दिया। कहा कि बिहार सरकार खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वित्तरहित व नियोजित शिक्षकों की समस्या को लेकर गंभीर हैं। इस दिशा में लगातार काम हो रहा है। आने वाले दिनों में इसका रास्ता निकलेगा और वित्तरहित शिक्षा व्यवस्था पुराने दिनों की बात होगी। 

loksabha election banner

अंग्रेजी हटाने की बात सही थी 

मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने शिक्षा में व्यवस्था दी थी कि अंग्रेजी में पास होना जरूरी नहीं वह ठीक थी। अंगे्रजी भाषा की जानकारी जरूरी है, लेकिन उसे अनिवार्य मान लेना गलत। अभी जो शिक्षा व्यवस्था है उसमें केवल नामांकन, परीक्षा व डिग्री तक सीमित है। ज्ञान की बात नहीं हो रही है। अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाने की होड़ है यानी अंग्रेज चले गए लेकिन अंग्रेजियत समाज में हावी हो रही। ये गलत है। भारत सरकार नई शिक्षा नीति ला रही है। ये बच्चों के लिए गुणात्मक शिक्षा के साथ संस्कार, अनुशासन, रोजगारपरक होगी। बहुत जल्द वह लागू हो रही है। 

वित्तरहित व्यवस्था हो समाप्त 

नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि वित्तरहित शिक्षक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। इस पर सकारात्मक पहल हो। वह मुख्यमंत्री से मिलकर वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त कराने की पहल कर शिक्षकों को सम्मान दिलाएंगे। 

वर्तमान में शिक्षा की हालत दयनीय 

पटना कॉलेज केपूर्व प्राचार्य व पटना विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो.नवल किशोर चौधरी ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय है। वित्तरहित व नियोजित शिक्षक घोर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। ये व्यवस्था सरकार की शिक्षा नीति पर प्रश्न खड़े करती है। राज्य व केंद्र सरकार इसका समाधान निकाले।  विषय प्रवेश कराते हुए एलएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ.ओपी राय ने कहा कि सेमिनार में आए सुझाव के आधार पर वह एक शिक्षा का मसौदा तैयार कर केंद्र व राज्य सरकार को देंगे। इसमें वित्तरहित व नियोजित शिक्षकों के लिए समाधान का सुझाव होगा। मंच संचालन प्रो.राजीव कुमार ने तो धन्यवाद ज्ञापन प्रो.जयकांत सिंह जय ने किया। 

कार्यक्रम में ये रहे शामिल 

कुलपति प्रो.आरके मंडल, प्रो.शैल कुमारी, प्रो.ललित किशोर, प्रो.मुकुल, प्रो.जयकांत त्रिवेदी, प्रो.सुरेंद्र राय, प्रो.गौरव पांडेय, प्रो. शिव दीपक शर्मा, प्रो.अशोक कुमार, प्रो.विभूति कुमार, प्रो.प्रमोद कुमार, प्रो.मोहन कुमार आदि। 

सेमिनार में ये उठीं मांगें 

- छह वर्ष से लंबित अनुदान का शीघ्र भुगतान करे सरकार।

- वित्तरहित शिक्षकों की सेवा शर्त मंजूर की जाए।

- वित्तरहित कॉलेज के लिए घाटा अनुदान की व्यवस्था की जाए। 

- राज्य सरकार सभी वित्तरहित कॉलेजों का अधिग्रहण करे। 

- नियोजित शिक्षकों को समान काम समान वेतन मिले। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.