JDU: मुजफ्फरपुर के भीतरघातियों पर आरसीपी सिंह का डंडा, गणेश भारती, हरिओम कुशवाहा समेत 15 आउट
BiharMuzaffarpur Assembly Election Result 2020 पहले चरण में पहचान होने के बाद जिले की सकरा मुरौल गायघाट कांटी और मीनापुर प्रखंड यूनिट भंग। पार्टी ने दूसरे चरण में 2 उपाध्यक्ष 5 महासचिव व तीन सचिव समेत 15 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया है।
मुजफ्फरपुर,[ अमरेंद्र तिवारी ]। Bihar,Muzaffarpur Assembly Election Result 2020: आरसीपी सिंंह ने सीएम नीतीश कुमार से पार्टी की कमान संभालते ही विस चुनाव में भीतरघात करने वालों के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन को हरी झंडी दे दी है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जिले में जदयू की हार के पीछे भीतरधातियों का हाथ साबित होने के बाद अब कार्रवाई की जा रही है। पहले चरण में पांच प्रखंडों में कार्रवाई होने के बाद अब पूर्व जिलाध्यक्ष गणेश भारती, हरिओम कुशवाहा समेत 15 को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इसमें 2 उपाध्यक्ष,5 महासचिव व तीन सचिव भी हैं। जिला कार्यकारिणी के पांच लोगों को भी हटाया गया है। इसके बाद से जिला जनता दल यू में खलबली है। तीन पूर्व जिला अध्यक्ष गणेश भारती, हरिओम कुशवाहा व विजय सिंह पर हुई कार्रवाई को कार्यकर्ता गंभीरता से ले रहे हैं। पार्टी के वरीय नेता खाद्य सुरक्षा आयोग के सदस्य रहे रमेश मालाकार को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया है। जिला अध्यक्ष रंजीत सहनी ने कहा कि जो भीतरघाती हैं उनके ऊपर सख्ती की जाएगी। पार्टी नए तेवर में काम करेगी। जो भी खाली पद हैं उसको बहुत जल्द प्रदेश नेतृत्व से बातचीत कर भर दिया जाएगा। मालूम हो कि पूर्व जदयू जिला अध्यक्ष विजय सिंह पार्टी से बगावत करते हुए लोजपा के टिकट पर कांटी से चुनाव लड़े थे। वहीं एक और पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व एमएलसी गणेश भारती राजद में चले गए हैं। इससे पहले समीक्षा रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। कहा गया कि दल के कई नेता और कार्यकर्ताओं ने साथ रहकर किसी दूसरे दल के प्रत्याशी या निर्दल के साथ दिए। जदयू को चार सीटाेें में केवल एक ही सीट पर सफलता मिली। पहलेे चरण में पांच प्रखंड कमेेटियों को भंग कर दिया गया है। उनमें सकरा, मुरौल, गायघाट ,कांटी और मीनापुर शामिल हैंं।
रिपोर्ट के आाधर पर अभी कार्रवाई
जिलाध्यक्ष रंजीत सहनी ने स्वीकार किया कि हार के पीछे भीतरधाती सबसे बड़ा कारण बने। विधानसभा चुनाव को लेकर बूथ से पंचायत स्तर तक समीक्षा की गई है। इसके बाद मिले तथ्यों के आधार पर यह अनुशासनात्मक कदम उठाया गया है। समीक्षा के लिए चुनाव के बाद गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। उसके बाद जिला सगंठन प्रभारी अशरफ अंसारी के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है। अध्यक्ष रंजीत सहनी ने कहा कि दल मेें रहकर साथ नहीं देना एक गंभीर मामला है। खाया कहीं का और गाया कहीं का। यह स्थिति बहुत ही खतरनाक है। दल में रहकर उसके खिलाफ काम करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। संगठन के खिलाफ काम करने वाले की पहचान के लिए अनुशासन समिति का गठन किया गया था। उसकी रिपोर्ट के आाधर पर अभी कार्रवाई हुई है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी। जिले मेंं एनडीए की सीटाेें में बढ़त है। चुनाव के बाद हर स्तर पर उसकी समीक्षा जारी है। आने वाले चुनाव में इस तरह की हालत नहीं बने, इसके लिए पार्टी की ओर से कठोर निर्णय लिया जा रहा है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता कुमारेश्वर ने बताया कि शीघ्र ही जिला संगठन प्रभारी, क्षेत्रीय प्रभारी एवं जिला के वरिष्ठ नेताओं के विचार विमर्श कर नई कमेेटी का गठन किया जाएगा। मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि पहले भी राज्य मुख्यालय की ओर से अनुशासनहीनता को लेकर लगातार एक्शन हो रहा है। जिले के एक एमएलसी को छह साल के लिए पार्टी ने निकाल दिया है।
अनुशासन समिति ने हर स्तर पर की पड़ताल
पार्टी के जिला प्रवक्ता कुंदन शांडिल्य ने बताया कि अनुाशसन समिति में पार्टी के वरीय नेता शैलेश कुमार शैलू अध्यक्ष हैंं। इसके साथ समिति के सदस्य मंडल में शंकर सिंह, चंद्र भूषण प्रसाद, रमेश पटेल, अमरनाथ चंद्रवंशी, सुधा चौधरी शामिल हैंं। समिति ने दल एवं गठबंधन के प्रत्याशी, पार्टी के विधानसभा प्रभारी, राज्य परिषद सदस्य, प्रखंड अध्यक्ष और प्रखंड प्रभारियों से जानकारी जुटाकर अपनी रिपोर्ट दी है। समिति की ओर से जुटाई गई रिपोर्ट पर प्रदेश से लेकर जिला स्तर पर मंथन के बाद कार्रवाई हो रही है। पिछले सप्ताह इसको लेकर जिला स्तर पर बैठक हुई है।