सेना में जाने का सपना रहा अधूरा तो किया ऐसा काम, सब कहने लगे- वाह भाई वाह
Army recruitment Muzaffarpur army recruitment मुजफ्फरपुर के इस युवक ने युवाओं को सेना भर्ती की बारिकियों से परिचित कराया। खबरा निवासी रोशन निशुल्क दे रहे आर्मी व अन्य सैन्य सेवाओं में जाने का प्रशिक्षण। मेहनत ला रही रंग अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक युवा सेना में दे चुके योगदान।
मुजफ्फरपुर, जासं। बचपन से सेना में जाकर देश के लिए कुछ करने का जूनून था। सुबह से ही मैदान में ताबड़तोड़ दौड़ लगा इसकी तैयारी शुरू की। 2015 से 2019 तक लगातार चार बार सेना बहाली में फिजिकल में सफलता भी पाई। भाग्य ने साथ नहीं दिया। मेडिकल राउंड में हर बार बाहर होना पड़ा। खुद सैनिक नहीं बन पाने का सपना अधूरा रहा तो युवाओं को इसके लिए प्रेरित किया। निशुल्क ट्रेनिंग देकर आज डेढ़ दर्जन युवाओं को सैनिक बना चुके हैं।
यह कहानी है खबरा के राजमिस्त्री लालबाबू दास और गृहिणी लक्ष्मी देवी के पुत्र रोशन कुमार की। बचपन में टीवी पर सेना से जुड़े फिल्मों को देखते तो उसमें शामिल होने की ललक होती। चार बार सेना में जाने से वंचित होने के बाद रोशन एलएस कालेज मैदान में सुबह दौड़ लगाने पहुंचने वाले पुलिस, सेना और विभिन्न फिजिकल परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को प्रेरित करने लगे। शुरू में करीब दर्जन भर युवाओं को तैयार किया। चार युवकों ने पहले ही प्रयास में सेना में सफलता पा ली। इसके बाद रोशन ने जय हिंद नाम से ग्रुप बना लिया। इसमें गोबरसही, पताही से लेकर शहर से दूर से भी युवक सुबह में आने लगे। लगातार प्रयास के अब तीन वर्षों में अबतक 18 युवाओं को सेना में सफलता मिली है। रोशन बताते हैं, वर्तमान में पुलिस, सीआरपीएफ, सेना व विभिन्न रक्षा विभागों के लिए फिजिकल की तैयारी के लिए करीब 100 युवाओं को वे प्रशिक्षण दे रहे हैं। कई युवक फिजिकल में सफल हो चुके हैं। उनके आगे के चरण की परीक्षाएं होनी हैं।
देश की युवतियों के लिए मिसाल बनीं शिवांगी
नौसेना की देश की पहली महिला पायलट बनीं जिले के पारू प्रखंड के फतेहाबाद के हरिभूषण सिंह की पुत्री शिवांगी ने जिलावासियों के लिए मिसाल बन गईं। शिवांगी की सफलता ने लड़कियों को आगे बढऩे का जज्बा प्रदान किया। 24 वर्ष की आयु में 2019 में नौसेना की पहली महिला पायलट बनीं शिवांगी से प्रेरणा लेकर लड़कियां आगे बढ़ रही हैं। भारतीय नौसेना के लिए शिवांगी डोर्नियर निगरानी विमान उड़ा रहीं हैं। कालेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान शिवांगी सेना के ड्रेस से प्रभावित हुईं थीं। उन्होंने ठान लिया था कि सेना में आफिसर बनेंगी।