अर्जुन भेद रहे मलिन बस्ती की अशिक्षा, जगा रहे शिक्षा की अलख Muzaffarpur News
शहर के मलिन क्षेत्र में मुजफ्फरपुर के अर्जुन गरीब बच्चों को दे रहे मुफ्त् शिक्षा। इनके मिशन का हर कोई कायल कई बार हो चुके सम्मानित।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मलिन बस्ती का नाम सुनते ही मन में गंदी जगह की तस्वीर उभर आती है। जब नाम में ही मलिन जुड़ा है तो यहां शिक्षा की हालत का अंदाजा भी आसानी से लगाया जा सकता है। राजनीतिक पार्टियां हमेशा इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करती आई हैं। किसी ने भी यहां की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की बात नहीं की। ऐसे लोगों और सरकार को आईना दिखाने का काम कर रहे हैं समाजसेवी सरैयागंज के अर्जुन गुप्ता। इसके मन में न जाने क्या आया और जुट गए इन गरीब बच्चों की तकदीर संवारने में।
खुद मेहनत कर दे रहे मुफ्त शिक्षा
शहर के चंद्रलोक चौक, चूना गली स्थित बस्ती के बच्चों को शिक्षा देने का काम शुरू करने में अर्जुन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पहले उन बच्चों को पढ़ाई से कोई वास्ता नहीं था। कूड़ा चुनना, जुआ खेलना, सूअर चराना आदि कार्यों में ही वे अपना दिन व्यतीत करते थे। ऐसे में अर्जुन ने पहले उनके माता-पिता को इसके लिए जागरूक किया।
बताया कि शिक्षा से ही उनमें बदलाव संभव है। शिक्षा से बड़ा कोई मित्र नहीं। उनका प्रयास रंग लाया और अब बस्ती के लोग बच्चों की पढ़ाई के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। बताते हैं कि वे खुद बेरोजगार थे, उनके पास पैसे नहीं थे। इसके बावजूद हार नहीं मानी। दूसरे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर मिलने वाले पैसों से वे इन बच्चों के लिए किताबें खरीदते हैं। आज वे घर-घर जाकर लोगों से बच्चों को पढ़ाने के लिए अभिभावकों से अनुरोध करते हैं।
50 बच्चे हासिल कर रहे शिक्षा
अर्जुन ने पांच साल पूर्व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रेरणा से इन बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था। इन्होंने करीब दस बच्चों से अपनी मुहिम शुरू की। समय के साथ मुहिम रंग लाई और धीरे-धीरे वहां बस्ती और आसपास के बच्चे भी जुटने लगे। इनकी पाठशाला में छात्रों की संख्या बढऩे लगी और वर्तमान में 50 से ज्यादा बच्चे प्रतिदिन पढऩे को पहुंचते हैं। वे इन बच्चों से कोई फीस नहीं लेते हैं। यहां तक इनको मुफ्त में किताबें व पाठ्य सामग्री भी मुहैया करा रहे हैं। इतना ही नहीं कई बच्चों का विद्यालय में नामांकन भी करवाया।
शिक्षा के प्रति बढ़ा रुझान
अर्जुन की मेहनत का ही नतीजा है कि आज बस्ती के लोगों में शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ा है। बच्चों के साथ महिलाएं भी पढऩे में रुचि ले रही हैं। बच्चों को पढ़ते देख वे भी अपना नाम लिखना सीखना चाहती हैं। शिक्षा के प्रति उनकी रुचि को देखते हुए उनके लिए भी अलग से कक्षा शुरू की है।
सामाजिक संगठनों से भी रहा जुड़ाव
अर्जुन बताते हैं कि इनका विद्यार्थी परिषद के साथ-साथ नेहरू युवा केंद्र, निर्मल अनुपम फाउंडेशन, वंदे मातरम सेवा मंच आदि कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़ाव रहा है। उनसे बराबर सहयोग भी मिलता है। अपने मिशन में पूरी तत्परता के साथ लगे हैं। केवल चंद्रलोक चौक स्थित बस्ती ही नहीं, अन्य मलिन बस्तियों में भी जाकर शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। साथ ही स्वच्छता, जल संरक्षण, पौधारोपण, स्वास्थ्य आदि के प्रति भी लोगों को जागरूक करते हैं। इनके कार्यों को देख कई संगठन इन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं।