Move to Jagran APP

समस्तीपुर में बर्ड फ्लू को पशुपालन विभाग सतर्क, रखी जा रही है नजर

बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर जिला पशुपालन विभाग ने जारी किया सतर्कता का निर्देश। पाल्ट्री फॉर्म से मुर्गियों का सीरम व स्वाब एकत्र कर जांच के लिए भेजा गया पटना। पशु चिकित्सकों को अपने-अपने क्षेत्र के सभी पॉल्ट्री फॉर्मों की जांच करने का जिम्मा दिया गया है।

By Ajit kumarEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 01:43 PM (IST)
समस्तीपुर में बर्ड फ्लू को पशुपालन विभाग सतर्क, रखी जा रही है नजर
प्रवासी पक्षी इस वायरस के कैरयिर के रूप में काम करती हैं। फाइल फोटो

समस्तीपुर, जासं। बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर जिले में भी पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। पक्षियों के मौत पर नजर रखी जा रही है। जिला पशुपालन पदाधिकारी डाॅ. कृष्णा कुमार ने बताया कि कहीं भी पक्षी मरने की सूचना मिलने पर टीम तत्काल मौके पर पहुंचेंगी। मृत पक्षी का सैंपल लेने और जांच के बाद बाद लैब भेजने की जवाबदेही टीम को दी गई है। एहतियातन कई कदम उठाए गए हैं। पशु चिकित्सकों को अपने-अपने क्षेत्र के सभी पॉल्ट्री फॉर्मों की जांच करने का जिम्मा दिया गया है। पॉल्ट्री फॉर्म में मुर्गों का ब्लड सैंपल लेकर जांच की जानी है। पशु अस्पतालों के कर्मियों और वैक्सीनेटरों को आदेश दिया गया है कि कहीं भी पक्षियों के मरने की सूचना मिलती है तो इसकी जानकारी तत्काल अपने वरीय अधिकारी को दें।

prime article banner

बीमार पक्षियों को रखें अलग

पशुपालन विभाग के अनुसार, बर्ड फ्लू का लक्षण दिखते ही सबसे पहले बीमार पक्षियों को स्वस्थ पक्षियों से अलग रखना चाहिए। मृत पक्षियों को इधर उधर नहीं फेंककर उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर गहरा गड्ढ़ा खोदकर गाड़ देना चाहिए।

70 डिग्री तापमान पर मर जाता है वायरस

पशु चिकित्सक डॉ. शशांक शेखर बताते हैं कि एवियन एन्लूएंजा (एच 5 एन 1) वायरस बर्ड फ्लू के नाम पर जाना है। यह वायरस 70 डिग्री तापमान पर नष्ट हो जाता है। प्रवासी पक्षी इस वायरस के कैरयिर के रूप में काम करती हैं। कोई प्रवासी पॉल्ट्री फॉर्म के आसपास के पेड़ों पर बैठ जाती हैं तो उससे फार्म के मुर्गे संक्रमित हो जाते हैं। संक्रमित पक्षी से वायरस का फैलाव होता है।

पक्षियों की मौत की सूचना देने की अपील

जिला पशुपालन पदाधिकारी ने जिला स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया है। इसमें डॉ. शशांक शेखर, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. अखलाख को शामिल किया गया है। डॉ. शेखर ने लोगों से अपील की है कि जिले में कहीं भी पक्षियों की मरने की जानकारी मिले तो इसकी सूचना विभाग को दें। सूचना मिलते ही टीम मौके पर जाएगी और जांच करेगी।

बर्ड फ्लू के क्या हैं लक्षण

पक्षी का सिर आगे और पीछे की तरफ फैल जाता है। कम समय में अधिक पक्षियों का अधिक संख्या में मौत हो जाती है। मुंह का फूल जाना और टांगों पर खून के धब्बे होते हैं। प्रभावित होने वाली प्रजाति में बत्तख, मुर्गी बटेर आदि पक्षी शामिल है। कौवे पर भी नजर रखी जा रही है। कई राज्यों में कौवे में रोग की पुष्टि हुई है।

बचाव के लिए जरूरी उपाय

- पाल्ट्री फॉर्म के बाड़े के अंदर और बाहर सफाई रों।

- पाल्ट्री फॉर्म के पक्षियों को बाहरी पक्षियों के संपर्क में न आने दें।

- नियमित अंतराल पर बाड़े में कीटनाशक का छिड़काव करें।

- पाल्ट्री फॉर्म में जाने से पहले दस्ताने जरूर पहन लें।

- मरे पक्षियों के पंख और बीट का न छूएं।

- पक्षियों के बाड़े से आने के बाद हाथ, कपड़े और जूतों की सफाई करें।

प्रखंडों से लिया गया है सीरम

पशुपालन विभाग के अनुसार, बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर जिले के प्रखंड स्थित विभिन्न पाल्ट्री फॉर्म से मुर्गियों का सीरम व स्वाब एकत्र कर उसे आवश्यक जांच के लिए पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान पटना भेजा गया गया है। वहां से जांच के लिए कोलकाता जाता है। जब जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आता है, तभी सरकार उस रिपोर्ट को विभाग को उपलब्ध कराती है। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर यह मान लिया जाता है कि सबकुछ सही तरीके से चल रहा है। विभाग के अनुसार, सरकार के निर्देश पर मुर्गियों के स्वाब व सीरम को एकत्र कर प्रत्येक महीने जांच के लिए पटना भेजा जाता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK