नेपाली एपीएफ के खिलाफ आक्रोशित ग्रामीणों ने की नारेबाजी, बोले-शासन यदि चुप रहा तो बॉर्डर पार जाकर लेंगे बदला
नेपाली पुलिस द्वारा फायरिंग की घटना को लेकर लालबंदी जानकीनगर के ग्रामीणों में आक्रोश। पांच दिनों बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं होने से शासन-प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों ने जताया गुस्सा।
सीतामढ़ी, जेएनएन। India Nepal Tension: सोनबरसा स्थित लालबंदी जानकीनगर बॉर्डर पर नेपाली आम्र्ड पुलिस फोर्स (एपीएफ) की फायरिंग के बाद सीमा क्षेत्र के भारतीयों का गम और गुस्सा गहराता जा रहा है। सीमा पर तनावपूर्ण माहौल बरकरार है। फायरिंग में युवक की मौत के पांचवें दिन मंगलवार को भी प्राथमिकी दर्ज नहीं होने से लोग आक्रोशित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शासन-प्रशासन की चुप्पी समझ से परे है। जरूरत पड़ी तो सीमा पार कर सबक सिखाएंगे। आक्रोशितों ने एपीएफ के खिलाफ नारेबाजी की।
इस बीच पीडि़त परिवारों का हाल जानने पूर्व सांसद अर्जुन राय पहुंचे। उन्होंने एसपी व डीजीपी को फोन कर प्राथमिकी दर्ज नहीं होने का कारण पूछा। पूर्व सांसद ने कहा कि एसपी ने गोलमटोल जवाब दिया। डीजीपी ने मिलने के लिए बुधवार का समय दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हो पाई, शासन-प्रशासन को इसका जवाब देना चाहिए। इसके लिए केंद्रीय गृह सचिव व गृह राज्यमंत्री के अलावा मुख्यमंत्री से मिलूंगा। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
एपीएफ की गोली से मारे गए युवक विकेश राय के आश्रितों को मुआवजा व अन्य तरह के लाभ के लिए पूर्व सांसद ने गृह सचिव आमिर सुबहानी से भी बात की। उनसे कहा कि परिवार को 50 लाख रुपये व घायलों को कम से कम 20 लाख रुपये मुआवजा मिलना चाहिए।
मृतक विकेश के भाई पपलेश कुमार के अलावा ग्रामीण जितेंद्र राय, दिपेंद्र राय, सिकंदर कुमार आदि का कहना है कि भारतीय क्षेत्र में घुसकर एपीएफ ने बर्बर कार्रवाई की। एसएसबी की मौजूदगी में फायङ्क्षरग की गई। बॉर्डर के उस पार नेपाल में अतिवादी जश्न मना रहे हैं। शासन-प्रशासन इसी तरह चुप्पी साधे रहा तो बॉर्डर पार कर बदला लेने से नहीं चूकेंगे।