Madhubani: नगर परिषद कार्यालय से नोटिस पंजी गायब करने वाले पर दर्ज होगी प्राथमिकी
Madhubani News नोटिस पंजी गायब करने वालों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी। प्राथमिकी एवं अनुशासनिक कार्रवाई के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कार्यपालक पदाधिकारी को दिया निर्देश। मामले की सुनवाई की अगली तिथि 10 फरवरी निर्धारित।
मधुबनी, जागरण संवाददाता। नगर परिषद कार्यालय से नोटिस पंजी गायब करने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने से लेकर अनुशासनिक कार्रवाई तक की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने नगर परिषद से नोटिस पंजी गायब होने को आपराधिक मामला माना है। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि उक्त मामले में जिम्मेवारी तय करते हुए संबंधित पर प्राथमिकी दर्ज करें एवं अन्य अनुशासनिक कार्रवाई करें। गौरतलब है कि नगर परिषद के तीन पार्षदों से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान बीते 13 जनवरी को राज्य निर्वाचन आयुक्त ने उक्त निर्देश दिया।
बीते 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान वादी मो. वारिस अंसारी के अधिवक्ता पंकज कुमार दास, प्रतिवादी मो. खालिद अनवर, शबनम आरा एवं बेनजीर खालिद के अधिवक्ता गोपाल झा और जिला प्रशासन की ओर से नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी उपस्थित हुए थे। इस सुनवाई के दौरान वादी के अधिवक्ता ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को बताया कि प्रतिवादी मो. खालिद अनवर, शबनम आरा एवं बेनजीर खालिद नगर परिषद, मधुबनी से लगातार तीन बैठकों में बिना अनुमति के अनुपस्थित रहे हैं, जो बिहार नगरपालिका अधिनियम-2007 की धारा-18 (1) (ढ़) का उल्लंघन है, जिसके कारण उन्हें निरर्हित किया जाए।
वहीं, प्रतिवादी के अधिवक्ता ने वकालतनामा दायर कर वादी द्वारा दिए गए परिवाद पत्र की मांग किया, जिसे राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा स्वीकार कर लिया गया। सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन की ओर से उपस्थित नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि लगातार तीन बैठक के लिए निर्गत नोटिस की तामिला पंजी नगर परिषद कार्यालय से गायब है। नगर परिषद कार्यालय के आगत एवं प्राप्ति पंजी का रख-रखाव सहायक जगदीश राम के द्वारा किया जाता है।
जगदीश राम के द्वारा शपथ पत्र दिया गया कि सभी पार्षदों को निर्गत नोटिस का तामिला ससमय करा दिया गया है। लेकिन, राज्य निर्वाचन आयुक्त ने नगर परिषद कार्यालय से नोटिस पंजी का गायब होना आपराधिक मामला मानते हुए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश दिया कि इस मामले में जिम्मेवारी तय करते हुए संबंधित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए अन्य अनुशासनिक कार्रवाई भी करें।
साक्ष्य एवं स्पष्ट मंतव्य के साथ रिपोर्ट तलब
डीएम द्वारा प्रेषित सदर एसडीओ से प्राप्त रिपोर्ट को राज्य निर्वाचन आयुक्त ने सुनवाई के दौरान अस्पष्ट बताया। इस रिपोर्ट पर डीएम का मंतव्य भी नहीं पाया। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने डीएम को अपने पर्यवेक्षण में इस मामले की पूर्ण छानबीन किसी वरीय पदाधिकारी से कराकर स्पष्ट मंतव्य के साथ साक्ष्य सहित रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। ताकि, रिपोर्ट में साक्ष्यों के आधार पर यह स्पष्ट हो सके कि उक्त मामले में नगरपालिका द्वारा सभी बैठकों के आहुत करने के क्रम में बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा-49 का अनुपालन हुआ है या उल्लंघन हुआ है। उक्त मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 फरवरी की तिथि निर्धारित की गई है।
अगली सुनवाई के दौरान तीनों प्रतिवादियों को स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित रह कर अपना पक्ष रखने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने नोटिस भी जारी कर दिया है। इस नोटिस का पांच फरवरी तक तामिला कराने के लिए डीएम से अनुरोध किया गया है। डीएम से यह भी अनुरोध किया गया है कि सुनवाई में उपस्थित होने के लिए जिला पंचायत राज पदाधिकारी या वरीय उप समाहर्ता से अन्यून पदाधिकारी को जांच रिपोर्ट एवं नोटिस का तामिला रिपोर्ट के साथ प्राधिकृत कर प्रतिनियुक्त किया जाए।
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