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जानिए कैसे कोरोना को हराने में आंवला है रामबाण, करें इसका सेवन

आयुर्वेद में आंवला को सर्वाधिक महत्व दिया गया है। आंवला शारीरिक अवनति को रोकता है। आंवला में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होने से कोरोना को रोकने के लिए काफी फायदेमंद है।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 06:55 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:55 PM (IST)
जानिए कैसे कोरोना को हराने में आंवला है रामबाण, करें इसका सेवन
जानिए कैसे कोरोना को हराने में आंवला है रामबाण, करें इसका सेवन

मधुबनी, जेएनएन। कई गुणों से भरपूर आंवला का सेवन कोरोना को हराने में रामबाण माना जा रहा है। आमतौर पर जिले के लोग सीजन में आंवला का सेवन चटनी, हलवा के रूप में करते हैं।  वही सालों भर इसका सेवन अचार, मुरब्बा के रूप में करते हैं। अक्टूबर से मार्च तक होने वाले आंवला यहां के लोगों द्वारा काफी सेवन किया जाता है। सीजन में बाजार में इसकी कीमत 20 से 40 रूपये प्रति किलो रहती है। जिले में बड़े पैमाने पर खपत होने वाले आंवला की आपूर्ति अन्य राज्यों से भी होती है।

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रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है आंवला

प्रसिद्धि योगाचार्य रवि भी ओम शंकर झा ने बताया कि सनातन धर्म में आंवला पेड़ पूज्य है। इसका फल रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। आयुर्वेद में आंवला को सर्वाधिक महत्व दिया गया है। आंवला शारीरिक अवनति को रोकता है। आंवला में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होने से कोरोना को रोकने के लिए काफी फायदेमंद है। वैसे भी हर एक लोगों को किसी भी रूप में आंवला का सेवन निश्चित रूप से करना चाहिए। आंवला द पांडू रक्तपित्त अरुचि त्रिदोष दमा खांसी श्वास रोग कब्ज 6 छाती रोग हृदय रोग मूत्र विकार सहित अन्य रोगों को दूर करने में कारगर होता है। 

जिले में 45 हजार आंवला पेड़

जलवायु को देखते हुए जिले में व्यापक स्तर पर आंवला की खेती तो नहीं होती है। लेकिन करीब 50 लाख आबादी वाले जिले में करीब 16000 लोगों के आवासीय परिसर तथा उनके खेत में करीब 45000 आंवला के पेड़ हैं। इससे होने वाले आंवला का सीजन में चटनी के तौर पर जमकर सेवन किया जाता। वही अधिक मात्रा में आंवला होने पर उसका अचार बना लिया जाता है। इसका सेवन लोग सालों भर करते हैं। औषधीय गुण पाए जाने से लोग सीजन में बड़े पैमाने पर आंवला को सुखाकर चूर्ण तैयार कर रख लेते हैं। जबकि अधिकतर लोग नमक हल्दी देकर आंवला का 1 साल तक खपत होने लायक इसका अचार बना लेते हैं।  

आंवला चूर्ण और तुलसी काढा का करते सेवन

शहर के आदर्श कॉलोनी निवासी किसने चौधरी ने बताया कि उनके एक पेड़ से करीब 50 किलो आंवला होता है। इसमें से आधे आंवले का चूर्ण बनकर सालों भर सेवन करते हैं। सुबह-सुबह में आंवला चूर्ण और तुलसी का काढ़ा का सेवन करते हैं। जिले के बासोपट्टी प्रखंड के सीरिया पुर गांव निवासी हिमांशु कुमार ने बताया कि उनके एक पेड़ से करीब 1 क्विंटल आंवला का उत्पादन होता है। 

पाचन क्रिया को मजबूत करता आंवला

डॉ उमेश कुमार उषा करने बताया कि आंवला शारीरिक क्रियाशीलता को बढ़ाता है पाचन को मजबूत करता है। प्रतिदिन चटनी, मुरब्बा, अचार व चूर्ण का सेवन करना चाहिए। 


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