मुजफ्फरपुर में तोड़े जाएंगे हाईटेंशन तार के नीचे बने सभी मकान
बैरिया आयाची ग्राम में घटी घटना के बाद विद्युत विभाग ने उठाया कदम। 05 सदस्यीय टीम ट्रांसमिशन विद्युत एसडीओ के नेतृत्व में गठित।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में हाईटेंशन तार के नीचे बनाए गए मकानों को तोड़ा जाएगा। मंगलवार को बैरिया आयाची ग्राम में घटी घटना के बाद विद्युत विभाग इस दिशा में कारगर कदम उठाने का निर्णय लिया है। बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन (बीएसपीटीसीएल) ने बुधवार को ट्रांसमिशन विद्युत एसडीओ के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम भी गठित कर दी है। जो एचटी तार के नीचे बने मकानों को चिह्नित करेगी। टीम ने सर्वे भी शुरू कर दिया है।
बताया गया कि जिले के विभिन्न इलाकों से गुजरने वाले 132, 33 और 11 केवीए हाईटेंशन तार के नीचे हजारों लोगों ने मकान बना लिए हंै। निर्माण के समय रोकने में विद्युत विभाग, स्थानीय व निगम प्रशासन ने कोई तत्परता नहीं दिखाई। घर के नक्शे को नजरअंदाज कर दिया गया। इसके कारण जिले के विभिन्न हिस्सों में आए दिन करंट से किसी न किसी व्यक्ति की मौत होने की सूचना मिलती रहती है। पांच साल के आंकड़ें पर गौर करें तो करंट से अभी तक सौ से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं।
47 साल पहले बना था ट्रांसमिशन लाइन
गांव-गांव में बिजली पहुंचाने के लिए 47 साल पहले 1972 में 132 केवीए का ट्रांसमिशन लाइन बना था। उस वक्त यह लाइन किसी के घर के ऊपर से नहीं गुजरा था। खाली जगहों पर टावर खड़ा किया गया। 47 वर्षों में लाखों की आबादी बढ़ी। नतीजा मकानों का जहां-तहां निर्माण हुआ। लोगों ने सुरक्षा का ख्याल किए बिना ही जहां चाहा वहां घर बना लिए।
शहरी क्षेत्र से लेकर आसपास के आयाची ग्राम, रामदयालु, कच्ची-पक्की, कुढऩी सहित अन्य कई इलाकों में ऐसे दृश्य नजर आ जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि 1 लाख 32 हजार किलोवोल्ट तार के नीचे आठ मीटर के एरिया में करंट का वेव निकलता है। वहीं 33 केवीए में छह मीटर की दूसरी पर। घर के छतों पर निकले तारों में करंट का वेव आता है।
1270 किलोमीटर एरिया महज चार कर्मियों के सहारे
मुजफ्फरपुर बीएसपीटीसीएल डिविजन एरिया में ट्रांसमिशन टावर 2998 है। मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, तीनों जिला में 1270.34 सर्किट किलोमीटर एरिया में लाइन है। महज चार कर्मियों के सहारे इतने बड़े एरिया में पेट्रोलिंग की जिम्मेवारी है। इसकी वजह से काफी परेशानी होती है।
सात साल पहले हुआ था सर्वे
हाईटेंशन तार की चपेट में आने से हो रही मौत से बचाने के लिए बीएसपीटीसीएल ने 2011/12 में सर्वे कराया था। उस समय तार के नीचे बने सौ से अधिक घरों को चिह्नित किया गया था। उनको मकान तोडऩे का नोटिस भी दिया गया था। उस वक्त जिला प्रशासन के सहयोग से सिर्फ छह घरों को तोड़ा भी गया था, लेकिन विद्युत विभाग के पास पर्याप्त कर्मियों की कमी के कारण कार्रवाई धीमी पड़ गई।
इस बारे में बीएसपीटीसीएल जीएम एएसए खान ने कहा कि जिले में हाईटेंशन ट्रांसमिशन तार के नीचे जहां-जहां घर बनाए गए हैं। वहां का सभी कार्यपालक अभियंताओं को सर्वे करने का आदेश दिया गया है। जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।