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मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर काटा बवाल West Champaran News

इलाज में लापरवाही का लगा रहा थे आरोप किया हंगामा। नाराज चिकित्सकों ने बाधित की आपात सेवा। मौके पर पहुंची पुलिस व अन्य अधिकारियों के बाद मामला हुआ शांत।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jun 2019 08:11 PM (IST)
मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर काटा बवाल West Champaran News
मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर काटा बवाल West Champaran News

बेतिया, जेएनएन। मरीज की मौत के बाद परिजनों में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में जमकर बवाल काटा। नाराज परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगा दोषी चिकित्सक व कर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। जानकारी के अनुसार योगिया टोला निवासी मनोज तिवारी गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। परिजन इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। चिकित्सक ने उनका इलाज किया, लेकिन कुछ ही देर बाद मौत हो गई। इस पर परिजन नाराज हो गए। चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा करने लगे।

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 हंगामा इतना बढ़ा कि चिकित्सकों को आपात कक्ष छोड़ भागना पड़ा। इसी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस व वरीय अधिकारियों ने मामले को शांत कराया। हालांकि चिकित्सकों का कहना था, उन्होने मरीज को बचाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन उसकी स्थिति पहले ही खराब हो गई थी। नतीजतन उसी मौत कुछ ही देर बाद हो गई।

नाराज चिकित्सकों ने बाधित की आपात सेवा, बेहाल रहे मरीज

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल मंगलवार को एक बार फिर कुछ देर के लिए आंखड़ा बन गया। मरीज की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा किया। वहीं दूसरी तरफ नाराज चिकित्सकों ने आपात सेवा को बाधित कर दोषियों पर कार्रवाई एवं सुरक्षा की मांग करने लगे। सुरक्षा की इंतजाम नहीं होने तक सेवा नहीं देने पर डट गए। हांलाकि सूचना पर पहुंचे सदर एसडीओ विद्यानंद पासवान एवं प्राचार्य डा. विनोद प्रसाद के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। इस कारण करीब 2 घंटे आपात सेवा बाधित रही। मरीज बेहाल रहे।

 बता दें कि मरीज की मौत के बाद परिजन हंगामा करने लगे। जबकि चिकित्सकों का कहना था कि मरीज की स्थिति पहले ही बहुत खराब हो गई थी। उसे बचाने का चिकित्सकों ने हर संभव प्रयास किया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। बावजूद परिजन उलझ गए। नतीजतन खास कर इंटर्न व जूनियर चिकित्सक नाराज हो गए। उनका कहना था कि इस स्थिति में वे कैसे काम करेंगे। सदर एसडीओ ने अविलंब सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का आश्वासन दिया। उसके बाद चिकित्सक माने और आपात सेवा बहाल हो सकी। 

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