बालिका गृह यौन हिंसा : सुप्रीम कोर्ट का आदेश पहुंचा, दिल्ली केस ट्रांसफर करने की तैयारी शुरू
07 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट में केस की सुनवाई ट्रांसफर करने का दिया था आदेश। कड़ी सुरक्षा में विशेष दूत के माध्यम से भेजे जा सकते अभिलेख।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को बालिका गृह मामले की सुनवाई दिल्ली स्थित साकेत के विशेष पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। आदेश की कॉपी विशेष पॉक्सो कोर्ट को मिल गई है। केस ट्रांसफर करने की तैयारी शुरू हो गई है। यहां के विशेष पॉक्सो कोर्ट में 20 फरवरी को सुनवाई है। संभावना है कि इससे पहले यह मामला ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
आमतौर पर केस ट्रांसफर करने पर रजिस्टर्ड डाक से संबंधित कोर्ट में जरूरी अभिलेख भेजे जाते हैं। बालिका गृह मामला काफी संवेदनशील है, इसलिए कड़ी सुरक्षा में मुकदमे से संबंधित अभिलेखों को विशेष दूत के माध्यम से भेजे जाने की संभावना है।
20 को होनी है सुनवाई
सीबीआइ मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर सहित 21 आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। विशेष पॉक्सो कोर्ट ने इनमें से 20 के विरुद्ध आरोप पत्र का संज्ञान लिया है। इन आरोपितों को कोर्ट के माध्यम से सीबीआइ पुलिस पेपर सौंप चुकी है। इनके विरुद्ध आरोप तय करने के लिए 20 फरवरी को सुनवाई होनी थी। इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने केस ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया था।
इन 20 आरोपितों के चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया था संज्ञान
जिन 20 आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट का विशेष कोर्ट ने संज्ञान लिया है, वे न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। इनमें मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के अलावा चंदा देवी, किरण कुमारी, नेहा कुमारी, मंजू देवी, इंदू कुमारी, हेमा मसीह, मीनू देवी, विकास कुमार, रवि कुमार रोशन, दिलीप कुमार वर्मा, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, कृष्णा कुमार राम, रोजी रानी, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहब उर्फ मास्टर जी, डॉ.अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की व साइस्ता परवीन उर्फ मधु हैं।