त्योहार संपन्न हाेने के बाद महानगरों की ओर लौटने का सिलसिला शुरू, ट्रेनें फुल
पवन एक्सप्रेस स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस सरयुग जमुना एक्सप्रेस शहीद एक्सप्रेस जैसे ट्रेनों में दस जनवरी सीट फुुल। कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति के बाद भी जिले से दिल्ली लौटने वाले लोगों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।
मधुबनी, जेएनएन। दीपावली और छठ पूजा के बाद लोगों को गांव से महानगरों की ओर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिसमें ट्रेनों में भीड़ उमड़ रही है। जिससे जयनगर से खुलने वाली ट्रेनों में रिजर्वेशन मिलना मुश्किल हो गया है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति के बाद भी जिले से दिल्ली लौटने वाले लोगों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। यह बात अलग है कि ट्रेन में रिजर्वेशन मिलने तक लोगों को सफर के लिए रूकना पड़ रहा है। हालांकि, कोरोना गाइडलाइंस के तहत रेल यात्रा के लिए रिजर्वेशन का प्रावधान होने से ट्रेनों में पूर्व की तरह आम यात्रियों की भीड़ नहीं देखी जा रही है। लोग छोटी से लेकर लंबी दूरी तक की यात्रा आरक्षित टिकट मिलने के बाद ही कर रहे हैं। मधुबनी रेलवे स्टेशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार जयनगर से खुलने वाली पवन एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, सरयुग जमुना एक्सप्रेस, शहीद एक्सप्रेस जैसे ट्रेनों में दस जनवरी सीट फुल हो चुकी है। यही हाल महानगरों से यहां आने वाली ट्रेनों का है।
जनवरी तक रिजर्वेशन फुल होने से कई समस्याएं
देश के विभिन्न हिस्सों के लिए सफर शुरू करने के लिए रिजर्वेशन लेने वालों की स्थानीय रिजर्वेशन काउंटर पर काफी भीड़ देखी जा रही है। टिकट ले रहे खजौली के एक यात्री राम नरेश महतो ने बताया कि वैसे तो दिल्ली में कोरोना संक्रमण काफी बढ़ गया है। लेकिन रोजी-रोटी के लिए दिल्ली जाना भी जरूरी है। वैसे जनवरी का टिकट मिल रहा है। तबतक दिल्ली की स्थिति में भी सुधार हो सकती है। वहीं टिकट लेने के लाइन में खड़े हैं राजनगर के शंकर कुमार ने बताया कि उन्हें मुंबई जाना है। मगर, जनवरी तक रिजर्वेशन फुल होने के कारण समस्या हो रही है।
तत्काल गांव में रहना ही बेहतर समझ रहे लोग
दीपावली व छठ पूजा के बाद गांव से महानगर लौटने का सिलसिला शुरू होने से घर-आंगन सुना पड़ने लगा है। खासकर दिल्ली जाने वाले लोगों वर्तमान में दिल्ली में कोरोना संक्रमण की हालात से भयभीत हैं फिर भी परदेश जाना इनके लिए मजबूरी हो गई है। हालांकि दीपावली छठ, पूजा पर महानगरों से अपने गांव लौटने वाले बड़ी संख्या में लोग अभी रिजर्वेशन नहीं मिलने और दिल्ली की स्थिति को देखते हुए तत्काल गांव में रहना ही बेहतर समझ रहे हैं। ऐसे लोगों में रहिका के दिलीप झा ने बताया कि दिल्ली की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। जरूरत पड़ी तो स्थानीय स्तर पर ही कोई कारोबार शुरू किया जाएगा। ताकि परिवार का पालन पोषण हो सके।