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Muzaffarpur School Reopen : छह माह बाद छात्रों के लिए खुला स्कूल का गेट, Doubt class में एक-दो बच्चे ही पहुंचे

Muzaffarpur School Re open इसको डाउट क्लास का ही रूप दिया गया है। जिसमें बच्चे अभिभावक की अनुमति से शामिल हो सकते हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 12:24 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 12:24 PM (IST)
Muzaffarpur School Reopen : छह माह बाद छात्रों के लिए खुला स्कूल का गेट, Doubt class में एक-दो बच्चे ही पहुंचे
Muzaffarpur School Reopen : छह माह बाद छात्रों के लिए खुला स्कूल का गेट, Doubt class में एक-दो बच्चे ही पहुंचे

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आखिरकार छह माह के इंतजार के बाद स्कूल के गेट छात्रों के लिए खोले गए। हालांकि, आज उपस्थिति नहीं के बराबर रही। एक-दो बच्चे ही पहुंचे। वैसे इसको डाउट क्लास का रूप दिया गया है। जिसमें बच्चे अभिभावक की अनुमति से इसमें शामिल हो सकते हैं। इस बारे में किड्स कैंप इंटरनेशनल स्कूल, नरौली, सेन के निदेशक चंदन कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से निर्धारित मानक के अनुसार डाउट क्लास आरंभ किए गए हैं। इसमें शिक्षक व छात्र मास्क पहन रहे। पर्याप्त दूरी रखी जा रही है। इससे पहले सैनिटाइज किया जा रहा। 

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वहीं इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक सुमन कुमार ने कहा डाउट क्लास के लिए बच्चों के स्वजनों को मैसेज से खबर भेज रहे हैं। उसके बाद डाउट क्लास शुरू किया जाएगा। विदित हो कि सरकार की ओर से नौवीं से 12वीं के बच्चों के लिए ही स्कूल आरंभ करने को कहा गया है। इसके लिए अभिभावक की सहमति भी जरूरी है। फिलहाल सामान्य कक्षाओं का संचालन नहीं होना है। स्कूल प्रबंधन छात्रों को आने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। फिलहाल कोई प्रार्थना सभा भी नहीं होगी। यह डाउट को दूर करने के लिए व्यस्था की जा रही है।

आज एक-दो स्कूल के ही खुलने और छात्रों की कम उपस्थिति की बड़ी वजह स्कूल प्रबंधन को स्पष्ट रूप से आदेश नहीं मिलने को माना जा रहा है। रविवार की शाम तक संशय की स्थिति थी। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुस सलाम अंसारी का आदेश आने के बाद निजी स्कूल संचालकों के बीच फैली विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां दूर हो गईं। डीईओ ने बताया कि नौवीं से बारहवीं वर्ग तक के विद्यालय कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए विद्यालय खोल सकते हैं। छात्र शिक्षकों से केवल परामर्श ले सकते हैं। वर्ग संचालन किसी भी परिस्थिति में नहीं किया जाएगा। छात्रों का विद्यालय आना अनिवार्य नहीं होगा।  


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