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मिथिलांचल के बाद अब पश्चिम चंपारण जिला बनेगा मखाना का हब

नरकटियागंज प्रखंड के सम्हौता के प्रगतिशील मत्स्यपालक आनंदन सिंह ने कहा एक एकड़ में यदि इसकी खेती की जाए तो इसमें 10 हजार रुपये लागत आती है और आमदनी करीब 3.5 से 4 लाख रुपये होती है ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 01:18 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 01:18 PM (IST)
मिथिलांचल के बाद अब पश्चिम चंपारण जिला बनेगा मखाना का हब
कई मत्स्यपालक मछली की जगह मखाना की खेती को हो रहे हैं तैयार। फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, बेतिया। मिथिलांचल के बाद अब चंपारण मखाना उत्पादन का हब बनेगा। यहां जिला प्रशासन की पहल पर पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत की गई मखाने की खेती के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। जिले के आधा दर्जन किसानों के द्वारा की गई मखाने की खेती से उनके चेहरे खिल उठे हैं। कई किसान अब मछली पालन की जगह मखाना की खेती को अपनाने की योजना बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे किसानों का कहना है कि चंपारण का इलाका मखाना के लिए सबसे उपयुक्त है। यहां के आवोहवा इसके लिए अनुकूल है। सबसे बड़ी बात यह है कि मखाना की खेती के लिए गहरा पानी की जरूरत नहीं है। कम पानी में ही इसकी खेती की जा सकती है। 

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एक एकड़ में लागत 10 हजार आमदनी 3.5 से 4 लाख

पहली बार मखाना की खेती कराने वाले नरकटियागंज प्रखंड के सम्हौता के प्रगतिशील मत्स्यपालक आनंदन सिंह की माने, तो मखाना की खेती में लागत काफी आती है। एक एकड़ में यदि इसकी खेती की जाय, तो इसमें 10 हजार रुपये लागत आती है और आमदनी करीब 3.5 से 4 लाख रुपये होती है। मखाना की खेती छह माह की ही होती है और इसमें गहरे पानी की आवश्यकता नहीं है। वहीं मझौलिया प्रखंड के किसान हरिन्द्र ठाकुर बताते हैं कि यह क्षेत्र मखाना की खेती के लिए वरदान साबित हो रहा है। मत्स्यपालक श्री सिह इस वर्ष 3 कठ्ठे में ही मखाना की खेती की थी, लेकिन इसके आशातीत उत्पादन की संभावना को देखते हुए उन्होंने अगले वर्ष 2.5 एकड़ में मखाना की खेती करने के लिए तालाब का निर्माण कराना शुरू कर दिया है।

जिले के चार हजार एकड़ चौर क्षेत्र में मखाना की खेती की संभावना बढ़ी

जानकारों के मुताबिक मखाना की खेती के लिए गहरा पानी की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में जिले में अनुपयुक्त पड़े चार हजार क्षेत्र में मखाना उत्पादन की संभावना बढ़ गई है। वहां मखाना की खेती बेहतर तरीके से हो सकेगी।

जिले में की जाएगी प्रोसेसिंग की व्यवस्था

जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि अगले वर्ष मखाना की प्रोसेसिंग के लिए यूनिट लगाने की तैयारी की जा रही है। ताकि मखाना की खेती करने वाले किसानों को कोई समस्या हीं हो। जिले में मखाना की खेती का अभिनव प्रयोग रहा शत-प्रतिशत सफल। 


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