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Conservative thinking : बेटी जन्म देने पर खाना देना बंद कर दिया, अब मारपीट करने के बाद धक्का देकर घर से निकाला

नदिया रहमान को बेटी जन्म देने के बाद मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त करने के बाद ससुराल से निकाल दिया गया। उसने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 11:03 AM (IST)
Conservative thinking : बेटी जन्म देने पर खाना देना बंद कर दिया, अब मारपीट करने के बाद धक्का देकर घर से निकाला
Conservative thinking : बेटी जन्म देने पर खाना देना बंद कर दिया, अब मारपीट करने के बाद धक्का देकर घर से निकाला

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। यूं तो देश में शिक्षा का तेजी से प्रचार-प्रसार हो रहा है लेकिन, अब भी एक बहुत बड़ा तबका इससे वंचित है। उसे समाज के सुधारों और समय के साथ होनेवाले बदलावों से कोई मतलब नहीं। शहर में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। 

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प्रताडि़त करने के बाद ससुराल से निकाल दिया 

काजी मोहम्मदपुर थाना के सादपुरा जकरिया कॉलोनी की नदिया रहमान को बेटी जन्म देने के बाद मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त करने के बाद ससुराल से निकाल दिया गया। उसने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें पति मो. नदीम, सास शाहीन तलत, ससुर मो. अयूब, देवर मो. दानिश, ननद अर्शी प्रवीन, ममेरा भाई तौसिफ जमाल को आरोपित बनाया है। बताया कि उसकी शादी वर्ष 2011में हुई थी। वर्ष 2012 में एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद से आरोपितों ने उसे खाना देना बंद कर दिया।

देवर रखता है बुरी नजर

मामले को लेकर पंचायत भी हुई। आरोपितों ने गलती स्वीकार करते हुए आगे से ऐसी हरकत नहीं करने की बात कही। 4 सितंबर को पति ने उसके साथ मारपीट करने के बाद धक्का देकर निकाल दिया। उसने आरोप लगाया है कि पति का दूसरी महिला से अवैध संबंध है। उसका देवर उस पर बुरी नजर रखता है। थानाध्यक्ष मो. शुजाउद्दीन ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन की जा रही है।

शिक्षा से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता

यह केवल एक महिला या केवल एक खास समुदाय का मामला नहीं है। अपने समाज में यह आम है। बहुत से तो ऐसे मामले हैं जो थाने तक पहुंच नहीं पाते। इन मामलों में महिलाओं को बहुत कुछ झेलना पड़ता है। उन्हें कई सामाजिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ता है। कई धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में इस तरह की महिलाअों को इसलिए हिस्सा लेने नहीं दिया जाता क्योंकि उन्हें बेटा नहीं। जरूरत इस तरह के दकियानूस सोच के खिलाफ जागरूकता फैलाने की है। लोगों को जागरूक करके ही इसे खत्म किया जा सकता है। शिक्षा से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता।  


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