शराबी बेटे की मार हर दिन झेलती थी मां, आजिज होकर मां ने उठाया यह कदम
दरभंगा के जाले में एक शराबी पुत्र अपनी मां के साथ प्रतिदिन करता था मारपीट इस घटना के परेशान होकर मां बेटे के खिलाफ पुलिस थाने में जाकर एफआइआर दर्ज कराई। फिर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
दरभंगा, जासं। शराब पीने के बाद दिमाग सही और गलत का फैसला लेने के काबिल नहीं रह पाता। दरभंंगा में एक ऐसी घटना में हुई जिसे सुनने के बाद आपको शराब से नफरत हो जाएगी। शराब के नशे में धुत्त एक पुत्र ने अपनी ही मां को बुरी तरह पीटा। पुत्र की इस करनी से दुखी मां ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने नशेड़ी पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटना थानाक्षेत्र के मनाम गांव में घटी है। बताया गया है कि स्व. चंदेश्वर सिंंंह की पत्नी ललिता देवी ने पुत्र मुनचुन सिंंह के खिलाफ थानाध्यक्ष दिलीप कुमार पाठक से मिलकर शिकायत की। आवेदन दिया कि पुत्र मुनचुन सिंह उर्फ चुन्नू सिंह अक्सर मारपीट कर प्रताडि़त करता है। पुत्र की गतिविधि के कारण जीना हराम हो गया है। महिला की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष श्री पाठक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर जांच के लिए सहायक दारोगा उमेश सिंंह को भेजा। दारोगा ने मौके से शराब पीकर हंगामा कर रहे चुन्नू सिंंह को गिरफ्तार कर उसकी जांच ब्रेथ एनेलाइजर मशीन से की। जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई। इसी के साथ पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। मां-बेटे के रिश्ते को कलंकित करनेवाली इस घटना में पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की लोग प्रशंसा कर रहे हैं।
शराबी को तीन माह की सजा, हुआ कारा से मुक्त
बेतिया । शराब पीने के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए अपर जिला सत्र न्यायाधीश द्वितीय सह विशेष न्यायाधीश पवन कुमार पांडेय ने कांड के नामजद अभियुक्त चंदन सहनी को दोषी पाया है और तीन माह कारावास की सजा सुनाई है। उत्पाद अधीनियम के विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार कुशवाहा ने बताया कि घटना 08 अक्टूबर 20 की है। मझौलिया पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि एनएच 727 पर एक व्यक्ति शराब के नशे में लडख़ड़ा रहा है। जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है। मौके पर पहुंची पुलिस ने उक्त शराबी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ करने पर उसकी पहचान मझौलिया थाना के लाल सरैया निवासी सुशील सहनी के पुत्र चंदन सहनी के के रूप में हुई। मेडिकल जांच शराब पीने की पुष्टि हुई, जिसे पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं अभियुक्त के अधिवक्ता रतेश कुमार पांडेय ने बताया हैं कि अभियुक्त ने विधिसेवा प्राधिकार से लिगल एक्ट की मांग की थी। उसके मुकदमा की पैरवी के लिए मुझे नियुक्त किया गया था। तीन माह जेल में रहने के बाद न्यायाधीश ने मंगलवार को फैसला सुनकर कारा से मुक्त कर दिया।