Samastipur News: कोरोना संक्रमण के साथ एईएस का खतरा, एंबुलेंस में ही हो जाएगा प्राथमिक उपचार, जानिए पूरी तैयारी
Bihar News एंबुलेंस में ईएमटी के पास रहेगा चेकलिस्ट ग्लूकोमीटर से ब्लड ग्लूकोज की मात्रा की हो जाएगी जांच एईएस की रोकथाम को लेकर प्रचार-प्रसार तेज एईएस चमकी बुखार की रोकथाम के साथ आवश्यक तैयारियों पर हैं विशेष नजर।
समस्तीपुर, जासं। कोरोना संकट के साए में गर्मी के दस्तक के साथ ही जिले में एईएस चमकी बुखार का खतरा मंडराने लगा है। भले ही जिले में एईएस चमकी बुखार का कोई मामला अभी सामने नहीं आया है, लेकिन इस बीमारी से निबटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है। एईएस चमकी बुखार की रोकथाम के साथ आवश्यक तैयारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्राउंड लेवल पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सदर अस्पताल में 10 बेडों के पीकू वार्ड के साथ-साथ प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो-दो बेड के वार्ड बनाए गए हैं। इसकी रोकथाम व बचाव को लेकर आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, चिकित्सा पदाधिकारी व 102 एंबुलेंस के सभी ईएमटी को आवश्यक ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
ग्राउंड लेवल पर चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार के अनुसार एईएस की रोकथाम व इलाज की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। पीएचसी स्तर पर भी लोगों को जागरूक करने के लिए डोर-डोर भ्रमण के साथ वाल पेंटिंग कराई जा रही है। ग्राउंड लेवल पर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बीमार बच्चों को अस्पताल तक लाने के लिए पंचायत स्तर पर वाहनों की टैगिंग भी की गई है।
एंबुलेंस में रहेगी हर तरह सुविधा
एईएस की रोकथाम के लिए जिले में सभी ईएमटी को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें पीड़ित बच्चे के प्राथमिक इलाज की भी जानकारी दी गई है। एंबुलेंस में दवा, ऑक्सीजन तथा जरूरी उपकरण के मौजूद रहने से प्राथमिक चिकित्सा एंबुलेंस में ही हो जाएगी। वहीं पर मरीज का तापमान, शूगर का लेवल जैसी जांच संभव हो सकेगी। जरूरत पड़ने पर सॉल्यूशन या ग्लूकोज भी चढ़ाया जा सकेगा। वैसे बच्चे जिनको चमकी की समस्या होगी उन्हें तत्काल एक नोजल स्प्रे दिया जाएगा। इस स्प्रे का इस्तेमाल मिर्गी या चमकी को शांत करने के लिए होता है। यह नोजल स्प्रे प्रत्येक एंबुलेंस में उपलब्ध कराया गया है।
एंबुलेंस में ईएमटी के पास रहेगा चेकलिस्ट
एंबुलेंस में ईएमटी के पास चेकलिस्ट भी उपलब्ध रहेगा। जिसे उन्हें भरकर चिकित्सक को देना होगा। इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि चमकी पीड़ित को क्या-क्या समस्याएं हो रही थी और कौन सी आपात सुविधा इसे दी गयी थी। इससे मरीजों के प्रबंधन में काफी आसानी हो जाएगी और हर एक चमकी पीड़ित की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।
क्या है चमकी बुखार के लक्षण
चमकी नाम की बीमारी में शुरूआत में तेज बुखार आता है। इसके बाद बच्चों के शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है। इसके बाद तंत्रिका तंत्र काम करना बंद कर देता है। इस बीमारी में ब्लड शुगर लो हो जाता है। बच्चे तेज बुखार की वजह से बेहोश हो जाते है और उन्हें दौरे भी पड़ने लगते है। जबड़े और दांत कड़े हो जाते है। बुखार के साथ ही घबराहट भी शुरू होती है और कई बार कोमा में जाने की स्थिति भी बन जाती है। अगर बुखार के पीड़ित को सही वक्त पर इलाज नहीं मिलता है तो मृत्यु हो सकती है।