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AES Muzaffarpur News: एईएस से बचाव को एंबुलेंस में रहेगी हर तरह की दवा

AES Muzaffarpur News एईएस प्रभावित क्षेत्र के एबुंलेंस मेडिकल टेक्नीशियन को मिला प्रशिक्षण। चमकी के लक्षण आने पर दिया जाएगा नेजल स्प्रे। इसका इस्तेमाल मिर्गी या चमकी को शांत करने के लिए होता है। इसका हर एंबुलेंस में रहना जरूरी है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 10:07 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 10:07 AM (IST)
AES Muzaffarpur News: एईएस से बचाव को एंबुलेंस में रहेगी हर तरह की दवा
चमकी का मरीज मिलने के बाद एंबुलेंस चालक व टेक्नीशियन की बड़ी भूमिका होती है।

मुजफ्फरपुर, जासं। AES Muzaffarpur News: एईएस प्रभावित क्षेत्र के एबुंलेंस मेडिकल टेक्नीशियन की क्षमता बढ़ाने को लेकर सदर अस्पताल स्थित एमसीएच सभागार में चार दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ। जिला वेक्टरजनित रोग पदाधिकारी डॉ.सतीश कुमार ने कहा कि वैसे बच्चे जिनको चमकी की समस्या होगी उन्हें तुरंत एक नेजल स्प्रे दिया जाएगा। इसका इस्तेमाल मिर्गी या चमकी को शांत करने के लिए होता है। इसका हर एंबुलेंस में रहना जरूरी है। कहा कि चमकी का मरीज मिलने के बाद एंबुलेंस चालक व टेक्नीशियन की बड़ी भूमिका होती है। जितनी जल्द बच्चे का उपचार शुरू होगा उसके ठीक होने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा हो जाएगी। 

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प्रशिक्षण में एबुंलेंस में चमकी मरीज की डमी से रिहर्सल भी कराया गया। एंबुलेंस में कैसे और किस परिस्थिति में क्या किया जाना है आदि बताया गया। डॉ.सतीश ने बताया कि एईएस के उपचार के लिए नए एसओपी के अनुसार ही इलाज करना है। प्रशिक्षण का मुख्य मकसद वैसे पारामेडिकल स्टॉफ को प्रशिक्षित करना है जिनकी जिम्मेदारी चमकी पीडि़त बच्चों को अस्पताल लाने में होती है। इस दौरान प्रशिक्षक इमरजेंसी किट में मौजूद दवाओं, उपयोग व डोज की ईएमटी प्रशिक्षुओं से जानकारी ली। कहा कि पूरे प्रशिक्षण के बाद उनका टेस्ट होगा। केयर के ट्रेनर देबोश्री ने प्रशिक्षण दिया। मौके पर अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार, केयर के डीटीएल सौरभ तिवारी, नासिरुल होदा, लेखा प्रबंधक विपिन पाठक आदि थे।

एबुंलेंस में रहेगी चेकलिस्ट

इस बार एंबुलेंस में ईएमटी को चेकलिस्ट दी गई है। इसे भरकर वह मेडिकल ऑफिसर को देंगे। इससे पता लगाना आसान होगा कि चमकी पीडि़त को क्या-क्या समस्याएं हो रही थीं और कौन सी आपात सुविधा इसे दी गई थी। इससे मरीजों के प्रबंधन में काफी आसानी हो जाएगी। हर एक चमकी पीडि़त की संपूर्ण जानकारी अस्पताल पहुंचने पर इलाज करने वाले के सामने होगी। एबुंलेंस में दवा, ऑक्सीजन व जरूरी उपकरण रहने से प्राथमिक चिकित्सा उसमें ही हो जाएगी। वहीं पर मरीज का तापमान, शुगर का लेवल आदि जांच संभव हो सकेगी। जरूरत पडऩे पर उसे ग्लूकोज चढ़ाने के साथ ऑक्सीजन भी लगाई जा सकेगी।  

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