Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में शीघ्र शुरू होगा प्रौढ़ शिक्षा अभियान, मिलेगी बुनियादी शिक्षा
Adult Education Campaign in Muzaffarpur नई शिक्षा नीति के तहत 15 साल या उससे अधिक उम्र के असाक्षर इस अभियान से होंगे लाभान्वित। बुनियादी शिक्षा का अर्थ है कि समाचार पत्र का शीर्षक पढ़ लेना दो अंकों का जोड़-घटाव गुणा-भाग आदि का ज्ञान हो जाना है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नई शिक्षा नीति के तहत पूरे देश में प्रौढ़ शिक्षा की कवायद शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने डीएम को पत्र भेजकर जल्द पहल करने को कहा है। कहा है कि पढऩा लिखना अभियान 2020-21 के लिए तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। 2025 तक सारे असाक्षर वयस्कों को इस योजना से जोड़कर साक्षर बनाने का प्रयास किया जाएगा। बुनियादी शिक्षा का अर्थ है कि समाचार पत्र का शीर्षक पढ़ लेना, यातायात चिह्न समझ लेना, साधारण गणना तथा दो अंकों का जोड़-घटाव, गुणा-भाग आदि का ज्ञान हो जाना है। 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र, असाक्षर महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अल्पसंख्यक एवं अन्य वंचित कमजोर तबके के लोगों को इस अभियान से जोडऩे में प्राथमिकता दी जाएगी। बिहार में प्रारंभिक प्रथम वर्ष में 4,20,000 (चार लाख बीस हजार) प्रौढ़ असाक्षरों को बुनियादी साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
क्रियान्वयन का क्षेत्र
कार्यक्रम का क्रियान्वयन तमाम निरक्षरता वाले जिलों में किया जाएगा। आयोग ने बिहार में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर असाक्षरों की संख्या बल के आधार पर 13 जिलों का चयन किया गया है। परंतु राज्य सरकार को यह स्वतंत्रता दी गई है कि यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं महिला समूह में असाक्षरों की जनसंख्या के आधार पर प्राथमिकता तय कर सकती है। कार्यक्रम का क्रियान्वयन ग्रामीण एवं शहर क्षेत्र में लक्ष्य समूह की उपलब्धता रहने पर की जा सकती है। राज्य सरकार को यह भी स्वतंत्रता है कि वह सभी जिलों या कुछ जिलों को योजना क्रियान्वयन के लिए चयन कर सकती है। जिला स्तरीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति असाक्षरों की पहचान कर कार्यक्रम का क्रियान्वयन कराएगी। असाक्षरों की पहचान एवं उन्हें बुनियादी साक्षरता प्रदान करने के कार्य में पंचायती राज व्यवस्था ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, जिला परिषद, प्रखंड स्तरीय समिति आदि की सहभागिता आवश्यक है।