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कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन तैयार, निजी अस्पतालों की भी ले सकते सेवा Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने कहा-जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उस पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है।

By Murari KumarEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 05:45 PM (IST)
कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन तैयार, निजी अस्पतालों की भी ले सकते सेवा Muzaffarpur News
कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन तैयार, निजी अस्पतालों की भी ले सकते सेवा Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कोरोना को लेकर विश्वव्यापी संकट से हम गुजर रहे हैं। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उस पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। हम सतर्क हैं और स्थिति पर नजर रखे हैं। उक्त बातें जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने कहीं।

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वे समाहरणालय सभाकक्ष में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर निजी अस्पतालों एवं चिकित्सकों की सहभागिता को लेकर बैठक कर रहे थे। डीएम ने सभी निजी चिकित्सकों से कहा कि आने वाले दिनों में यदि स्थिति गंभीर होती है तो जिले के सभी निजी अस्पतालों को आइसोलेशन के रूप में उपयोग किया जाएगा। उन्होंने अपेक्षा की कि स्थिति गंभीर होने पर निजी चिकित्सक भी सामने आकर इस चुनौती का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कहा कि यदि ऐसी स्थिति आती है तो निजी अस्पतालों को भी निर्धारित प्रोटोकॉल के आलोक में टेकओवर किया जाएगा। 

आइएमए करेगा पूरा सहयोग 

आइएमए के अध्यक्ष डॉ.संजय ने कहा कि इस संकट की घड़ी में संस्था पूरी तरह से प्रशासन के साथ रहकर सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा समय आता है तो आइसोलेशन सेंटर के रूप में निजी अस्पतालों का उपयोग करने को हम तैयार हैं। अपर समाहर्ता आपदा अतुल कुमार वर्मा ने भी निजी चिकित्सकों से इस स्थिति में सहयोग की अपेक्षा की। बैठक में डॉ.बीएन शर्मा, डॉ.अमित, डॉ.एचएन भारद्वाज, अमर कुमार, डॉ.अभिनव, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कमल सिंह, प्रशांत हॉस्पिटल, प्रसाद हॉस्पिटल, आयुष्मान अस्पताल, बथुआ हॉस्पिटल, पूसा अस्पताल समेत अन्य निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

गंदगी फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

डीएम ने कहा कि राज्य से बाहर के प्रवासी श्रमिकों को भी एक हजार रुपया प्रति श्रमिक खाते में डालने का सरकार ने निर्णय लिया गया है। इसके आलोक में जिले में 5133 श्रमिक हैं। जिला प्रशासन इनकी फोटो व आधार कार्ड का सत्यापन करा रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से अब तक 13 हजार 460 लोग जिले में आए हैं। इसमें 690 को अभी 14 दिन नहीं हुआ है। अन्य सभी रिस्क जोन से बाहर हैं। सरकार ने निर्देश पर 22 मार्च से अब तक जो लोग बाहर से आए हैं सभी की ट्रैकिंग अगले चार दिनों में की जानी है। साथ ही उनकी स्क्रीनिंग भी की जाएगी। इनसे संपर्क करने में टीम जुटी है।


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